गोपाल नायक, खरसिया। कोविड-19 की वजह से मृत बुजुर्ग का शव बाम्हनपाली में आधा-अधूरा जलाए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया. सुबह 11 बजे से शुरू हुआ ग्रामीणों का चक्काजाम शव के अवशेष को हटाए जाने और गांव को पूरी तरह से सैनेटिइज किए जाने के एसडीएम गिरीश रामटेके के आश्वासन पर दोपहर करीबन 3 बजे जाकर खत्म हुआ.

धर्म और कर्म के नाम से प्रसिद्ध खरसिया में रविवार को कोरोना की वजह से दिवंगत 65 वर्षीय बुजुर्ग के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को भटकना पड़ा. मौहापाली रोड स्थित श्मशान घाट में समिति के लोगों ने अंतिम संस्कार नहीं करने दिया तो परिजन ठाकुरदिया स्थित श्मशान घाट पहुंचे, लेकिन यहां भी आस-पास के लोगों का विरोध का सामना करना पड़ा.

कोरोना की वजह से 65 वर्षीय बुजुर्ग की रविवार को जिले के एक निजी हास्पिटल में मौत हो गई. जिला मुख्यालय से नगर शव पहुंचते ही दावानल की तरह कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति के मौत होने की बात फैल गई. नगर के व्यापारी समुदाय से जुड़े बुजुर्ग का शव घर के पीछे एम्बुलेंस में रखे रहा. पहले मौहापाली रोड़ पर स्थित श्मशान में जगह नसीब नहीं हुई. इसके बाद परिजन शव लेकर ठाकुरदिया स्थित श्मशान लेकर पहुंचे तो वहां आस-पास के रहवासियों ने भी शव के अंतिम संस्कार किए जाने का विरोध किया.

आखिरकार थक-हारकर परिजन नगर के हृदय स्थल टाॅउन हाल शव को लेकर पहुंच गए. रात करीबन डेढ़ बजे शव को लेकर टॉउनहाल में पहुंचने की जानकारी होने पर खरसिया एसडीएम गिरीश रामटेके, खरसिया थाना प्रभारी सुमत राम साहू पहुंच परिजनों को समझाइश देकर नगर से दूर पहाड़ किनारे कोविड़ नियमों के अनुरूप देर रात दाह संस्कार कराया.

लेकिन यहां भी ग्रामीणों को खबर मिलते ही विरोध की चिंगारी सुलग उठी. सुबह आधे-अधूरे जले शव को देखते हुए ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और बाम्हनपाली चौक में चक्काजाम कर दिया. सुबह 11 बजे से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर एसडीएम रामटेके मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए उन्होंने शव के अवशेष को उठाए जाने के साथ गांव का पूरी तरह से सैनिटाइजेशऩ करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया.