रोहित कश्यप, मुंगेली। कहते हैं जब किसी कातिल पर खून सवार होता है तब वह न तो समय देखता है न जगह और न दूरी। कुछ ऐसा ही हुआ है मुंगेली के सुलभ शौचालय कर्मचारी की हत्या में. अंधे कत्ल की इस गुत्थी के सुलझने के बाद जो तथ्य निकलकर सामने आई है उससे ना सिर्फ पुलिस बल्कि हर कोई हैरान है.

बता दें कि 9 अगस्त को अलसुबह मुंगेली जिला मुख्यालय के पड़ाव चौक स्थित सुलभ शौचालय में कार्यरत कर्मचारी बिहार निवासी गनौरी पंडित की संदिग्ध हालत में लाश मिली थी. पुलिस शुरुआत से ही इस प्रकरण को हत्या मानकर चल रही थी. यही वजह है कि एसपी अरविंद कुजूर ने एडिशनल एसपी कमलेश्वर चंदेल और एसडीओपी तेजराम पटेल के निर्देशन में जांच टीम गठित किया था. जांच टीम ने साइबर सेल से मिले सुराग के आधार पर बिहार निवासी संदेही शिलानन्द एवं प्रदीप कटारे को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिस पर आरोपियों ने गुनाह कबूल करते हुए जादू-टोने के शक में गनौरी पंडित की हत्या की बात बात कबूल की.

मृतक गनौरी और आरोपी शिलानन्द भी बिहार के मूल निवासी हैं. कुछ साल पहले साथ में आपस में काम किए हुए हैं, तब से मृतक पर जादू टोने का शंका आरोपी और उसके परिजन किया करते थे. आरोपी शिलानन्द का मानना था कि मृतक ने उसके परिजनों पर टोना-जादू कर दिया है, जिसके चलते आए दिन तबीयत खराब होती है. इसी के चलते फरवरी माह में भी मृतक से मुलाकात करने आरोपी मुंगेली पहुंचे थे, लेकिन तब भी बात नही बनी. यही वजह है कि आरोपियों ने मृतक जान से मारने की प्लानिंग आरोपी द्वारा बना ली थी.

इसी योजना के तहत 8 अगस्त को किराए की कार लेकर मर्डर की तैयारी से मिर्ची पाउडर और लोहे की हथौड़ी लेकर आरोपी अपने साथी के निकले..जो कि 9 अगस्त को तड़के सुबह मुंगेली हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचे. सुलभ शौचालय में  गनौरी पंडित को अकेला देखकर मिर्ची पाउडर छिड़क कर हथौड़ी से ताबड़तोड़ सिर पर वार कर दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. आरोपियों ने पुलिस के समक्ष गुनाह कबूल कर लिया है, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.

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