रायपुर। कोरोना महामारी का रायपुर सहित प्रदेश में तेजी से  फैलाव ,नगर निगम, जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार की असफलता का परिचायक है। 3 माह पहले होम क्वॉरेंटाइन एवं होम आइसोलेशन की सुविधा के साथ सरकार ने एम्स सहित अस्पतालों और सामाजिक भवनों का अधिग्रहण कर कोविड अस्पताल बनाया होता तो आज पब्लिक को निजी अस्पतालों की लूट का शिकार नहीं होना पड़ता। यह कहना है स्वामी आत्मानंद वार्ड के पार्षद अमर बंसल का।

स्वामी आत्मानंद वार्ड के पार्षद अमर बंसल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भय और भगदड़ की स्थिति के कारण इलाज के अभाव में लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। निजी अस्पतालों को अनुमति मिलते ही 4 दिन में प्रदेश में बेड की समस्या उत्पन्न हो गई, लाखों रुपए जेब में रखे बिना इलाज असंभव हो गया। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?  सरकार ने समय रहते तैयारी नहीं की। रिम्स अस्पताल को तैयार करने की बजाय करोड़ों रुपया टेंट वालों  को देकर अस्थाई इलाज की व्यवस्था कराई जा रही है। ऐसा लगता है हर व्यक्ति हर विभाग आपस में कमाई का अवसर तलाश रहा है।

अमर बंसल, पार्षद

होम आइसोलेशन  के तहत  मरीजों के इलाज हेतु अभी तक एक भी डॉक्टर को अधिकृत नहीं किया गया। जांच के उपरांत चिन्हित संक्रमितों को होम आइसोलेशन की व्यवस्था हेतु सरकार की अस्पष्ट निर्देश के कारण मरीजों की चिकित्सा हेतु सरकारी डॉक्टर की अनुपलब्धता से मरीज को निजी डॉक्टरों की लूट का शिकार होना पड़ रहा है। हर निजी डाक्टर इस हेतु मनमाने ढंग से होम आइसोलेशन हेतु पैकेज शुल्क की मांग  कर रहे है।

बंसल ने कहा कि  होम आइसोलेशन में डॉक्टरों की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने की बजाय सरकार ने ख़ुद डॉक्टरों की फीस  तय कर मरीज को अपनी व्यवस्था करने पर छोड़ दिया है। विभागीय चिकित्सक किसी तरह से फोन उठा भी ले तो संतुष्टि नहीं कर पाते।
निजी अस्पतालों में इलाज होटल से हो रहा है, होटल में नर्स/ वार्डबय इलाज के नाम पर क्या दे रहे हैं, सभी को मालूम है। एक मरीज के पीछे अधिकतम रुपैया 1500 सौ से ₹4000 तक होटल के अनुसार हो सकता है पर सरकार ने ही ₹6000 से ₹17000 तक वसूलने की छूट दी है। इसमें स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं आपदा में अवसर तलाशा जा रहा है।

बंसल ने सरकार से अस्पतालों का अधिग्रहण कर इलाज निशुल्क उपलब्ध कराने तथा होम आइसोलेशन हेतु निशुल्क डॉक्टर की उपलब्धता के साथ दवा का वितरण की मांग करते हुए कहा कि अन्य बीमारियों से ग्रसित नागरिकों  के इलाज भी इसके अलावा सुनिश्चित की जानी चाहिए।