रोहित कश्यप,मुंगेली। मुंगेली नगर पालिका परिषद में आज उस वक्त हड़कंप मच गया, जब तहसीलदार अमित सिन्हा और नगर पालिका सीएमओ राजेन्द्र पात्रे के बीच जमकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. दरअसल कल ही राज्य शासन ने नगर पालिका सीएमओ का ट्रांसफर करते हुए बिलासपुर नगर निगम में जोन आयुक्त के रूप में ट्रांसफर किया है. जिसके बाद आज कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार सिन्हा चार्ज लेने नगर पालिका परिषद पहुंचे थे, जहां सीएमओ पात्रे ने नगरी निकाय के ट्रांसफर नियमों का हवाला देते हुए चार्ज देने से इंकार कर दिया. इसके बाद अमित सिन्हा ने एक तरफ लेकर नगर पालिका परिषद को ही सील कर दिया है. इधर इस घटना को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हैं.
इस मामले में lalluram.com से बातचीत में तहसीलदार अमित सिन्हा ने बताया कि कलेक्टर के आदेश पर वो नगर पालिका सीएमओ का प्रभार लेने पहुँचे थे. जहाँ सीएमओ राजेन्द्र पात्रे ने यह कहते हुए पद ग्रहण नहीं करने दिया कि कलेक्टर को उन्हें कार्यमुक्त करने का अधिकार नहीं है. जिसके बाद इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिला कलेक्टर पीएस एल्मा को देकर तहसीलदार ने एकतरफा चार्ज लेकर सीएमओ चेम्बर को ही सील कर दिया है.
लल्लूराम डॉट कॉम ने जब सीएमओ राजेन्द्र पात्रे से इस संबंध में प्रतिक्रिया जानना चाहा, तो उन्होंने कहा कि मेरा ट्रांसफर हो चुका है. राज्य शासन द्वारा जिस जगह में मुझे भेजा गया, वहाँ मैं जॉइनिंग लूंगा. ट्रासंफर आदेश में 7 दिवस के भीतर कार्यभार सौंपने का जिक्र किया गया है. इस वजह से मैंने कलेक्टर साहब को व्यक्तिगत रूप से सोमवार को कार्यभार मुक्त होने का अनुरोध किया था. इसके बाद आज अचानक ऐसा क्या हो गया कि उनसे एकतरफा चार्ज ले लिया गया है.
इस पूरे घटनाक्रम को उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य नगरपालिका सेवा नियम 1973 का हवाला देते हुए सीएमओ ने कहा कि कलेक्टर को किसी नगरपालिका सीएमओ का प्रभार सौंपने से पूर्व राज्य शासन से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है. यही वजह है कि नियम विरुद्ध चार्ज लेने की कोशिश पर उन्होंने चार्ज देने से इंकार किया.
इधर इस पूरे मामले पर कलेक्टर पीएस एल्मा का कहना है कि राजेन्द्र पात्रे का ट्रांसफर मुंगेली से हो गया है. इसलिए अब वे हमारे सीएमओ नहीं है. नगरीय क्षेत्र व्यवस्था न गड़बड़ाए इसलिए तहसीलदार को चार्ज लेने मैंने आदेशित किया था. लेकिन बचकाना हरकत करते हुए उन्होंने चार्ज देने से मना कर दिया है.