बिलासपुर- राजधानी रायपुर में कृषि उपज मंडी की जमीन जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के लिए आबंटित किए जाने के विरोध में लगी याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने अपने अंतरिम व्यवस्था में कहा है कि जब तक की कोर्ट की सामान्य कार्यवाही शुरू नहीं हो जाती, तब तक निर्माण कार्य शुरू न किया जाए. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को रेगुलर हियरिंग के लिए नियत करते हुए याचिका पक्ष को अंतरिम राहत प्रदान की है.

महाधिवक्ता कार्यालय ने आज हुई सुनवाई के बाद जारी अपने बयान में कहा है कि- कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इस प्रकरण की समुचित सुनवाई संभव नहीं होने की वजह से पूछा कि- कोर्ट का कामकाज सामान्य होने तक क्या पूरी प्रक्रिया को स्थिर रखा जा सकता है? इस पर जवाब देते हुए यह बताया गया कि किसी भी तरह का निर्माण कार्य प्रारंभ होने में कम से कम छह महीने से अधिक का समय लगना है. महाधिवक्ता ने कोर्ट को यह आश्वस्त किया कि आगामी छह महीनों तक किसी भी तरह का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जब तक कोर्ट का कामकाज सामान्य नहीं हो जाता, जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के निर्माण के संदर्भ में राज्य शासन की ओर से अन्य गतिविधियां शुरू की जा सकती है? इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि- कोई भी कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेश में ही अंतिम मानी जायेगी.

बता दें कि बीजेपी के पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने कृषि उपज मंडी की जमीन जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए राज्य शासन की ओर से आंबिटत किए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. अपनी याचिका में उन्होंने दलील दी थी कि आबंटित जमीन 1975 में किसानों द्वारा खरीदी गई थी. इस जमीन का भूमि स्वामी हक कृषि उपज मंडी के पास है. कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 1972 के तहत मंडी समिति की जमीन सिर्फ मंडी के प्रायोजन हेतु ही उपयोग में लायी जा सकती है न कि किसी अन्य प्रायोजन में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

याचिका में यह भी सवाल उठाया गया था कि राज्य शासन ने 11 जून 2020 को एक ही दिन में पांच से छह एजेंसियों को निर्देशित करते हुए प्रावधानों के विपरीत जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क के लिए भूमि आबंटन की कार्यवाही की. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शाम छह बजे विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाकर मंडी समिति की जमीन लेने का निर्णय लिया गया. उसी दिन रात आठ बजे के बाद मंडी बोर्ड, सीएसआईडीसी, मंडी समिति रायपुर, राजस्व सचिव, उद्योग संचालक और रायपुर कलेक्टर को जमीन अधिग्रहण हेतु निर्देश जारी किए गए. रात में उद्योग विभाग को भूमि अधिग्रहण के बाद कब्जा दे दिया गया. याचिका पक्ष की ओर से सीनियर अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव, आशुतोष पांडेय, हिमांशु सिन्हा, शशांक ठाकुर और वी श्रीधर ने पैरवी की. वहीं शासन की ओर से सतीश चंद्र वर्मा ने समस्त कार्यवाही विधि अनुरूप होने की बात कही. मंडी समिति की ओर से अमृतो दास और सीएसआईडीसी की ओर से सीनियर अधिवक्ता निर्मल शुक्ला तथा सुयश धर ने पैरवी की.