रायपुर। आवश्यक वस्तु शंशोधन अधिनियम 2020 को पारित करवा कर मोदी सरकार ने देश में मंहगाई के बढ़ने के मार्ग को प्रशस्त कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आवश्यक वस्तु शंशोधन अधिनियम 2020 के बाद महत्वपूर्ण सामानों दाल, आलू, प्याज जैसे वस्तुओं के मूल्य से सरकार का नियंत्रण समाप्त हो जाएगा। जमाखोरों को प्रश्रय मिलेगा। भाजपा सरकार पूंजीपतियों और मुनाफाखोरों के हितों को आम आदमी के हितों से जादा महत्व दे रही है।

इस कानून के लागू होने के पहले वर्तमान में आवश्यक वस्तुओं को तय मात्रा से अधिक भंडारण और जादा मुनाफाखोरी करने पर प्रतिबन्ध था। ऐसा करने वालों पर कार्यवाही के कड़े कानूनी प्रावधान थे। मोदी सरकार इन कानूनों खत्म कर रही है। वर्तमान में प्याज दाल आदि के जमाखोरी करने वालो पर राज्य सरकार छापेमारी कर सकती है, लेकिन मोदी सरकार के नए कानून के बाद यह नहीं हो सकेगा।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना काल मे मोदी सरकार देश के लोगों के खिलाफ कानून बनाने की मुहिम में लगी है. पहले किसानों के खिलाफ विधेयक पारित करवा कर देश की कृषि व्यवस्था को पूंजीपतियों के हाथों सौपने का मार्ग खोला गया. अब रोजमर्रा की जरूरतों की आवश्यक वस्तुओं के मूल्य पर से सरकारी नियंत्रण समाप्त कर आम आदमी को करने और महंगाई से जूझने के लिए छोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

मोदी सरकार का चरित्र जनहितैषी नहीं बल्कि पूंजीपति पोषक है। सरकार आम आदमी को सहूलियत देने के अपने लोकतांत्रिक दायित्वों से लगातार भाग रही है। इसके पहले पेट्रोल और डीजल के दामों को बाजार के मूल्यों पर आधारित कर उस पर से भी सरकारी नियंत्रण समाप्त कर दिया गया था जिसका खामियाजा देश की जनता को रोज भुगतना पड़ता है। पहले चार छह महीने में डीजल पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी होती थी। जब से सरकारी नियंत्रण समाप्त हुआ रोज कुछ न कुछ बढ़ोतरी हो जाती है। धीरे धीरे पेट्रोल डीजल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ गए। वही फार्मूला अब मोदी सरकार खाने पीने की सामग्रियों पर आजमाने जा रही है।