रायपुर। नक्सलियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. भाजपा ने स्थापना दिवस समारोह के दौरान नक्सलियों के प्रदेश, ख़ासकर बस्तर में, किसी बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देने की आशंका जताते हुए सरकार से सवाल किया कि विध्वंसक नक्सलियों के सफाए के लिए कब आक्रामकता दिखाएगी? इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए नक्सलियों के हमले की इतनी स्पष्ट जानकारी कैसे मिली. इसके पीछे कही नक्सलियों से मिलीभगत तो नहीं.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके बस्तर संभाग में नक्सलियों की हिंसक और आक्रामक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि दहशत फैलाने और विध्वंसक करतूतों को अंजाम देने वाले नक्सलियों के ख़िलाफ़ प्रदेश सरकार कब आक्रामकता दिखाएगी? उन्होंने कहा कि इन दिनों नक्सली अपना स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं और इस बात की पूरी आशंका है कि वे इस दौरान प्रदेश, ख़ासकर बस्तर में किसी बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देंगे.

संजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद से लगातार नक्सली हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पखवाड़ेभर में नक्सली लगातार आदिवासी युवकों, पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों के साथय़ अन्य शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की हत्या कर चुके हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के निकम्मेपन के चलते नक्सली हिंसा पर काबू नहीं पाया जा सक रहा है.

उन्होंने कहा कि नक्सलियों की मुख़ालफ़त के नाम पर सिवाय सियासी लफ़्फ़ाजियाँ करने इस सरकार ने कुछ और किया ही नहीं है. लगभग दो साल के अपने कार्यकाल में प्रदेश सरकार नक्सलियों से निपटने के लिए कोई ठोस व क़ारगर रणनीति तक तैयार नहीं की है. इसी का नतीजा है कि नक्सली प्रदेश की कांग्रेस सरकार को ‘अपनी सरकार’ बताकर बेख़ौफ़ हिंसा कर रहे हैं. प्रदेश सरकार बताए कि उसके और नक्सलियों के इस रिश्ते को क्या नाम दिया जाए?

भाजपा के माओवादियों से अंतरंग संबंध हुए उजागर

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि इस बयान में स्थापना दिवस समारोह के दौरान माओवादी के बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देने की सुस्पष्ट और सटीक जानकारी ना तो खुफिया तंत्र के पास है, और ना ही पुलिस को प्राप्त हुई है. माओवादी क्षेत्रों में तो केंद्र सरकार की एजेंसी आईबी भी लगातार सक्रिय रहती है और सूचना संकलित करती रहती है. इससे भाजपा के माओवादियों से संबंधों के आरोपों के सही होने पर मुहर लगाता है.

आरपी सिंह ने कहा कि यदि निकट भविष्य में घटित होने वाली किसी माओवादी घटना की अंदरूनी जानकारी संजय श्रीवास्तव के पास है तो निश्चित रूप से पूर्व में  घटित जीरम की घटना की जानकारी भी उनके पास रही होगी. उन्होंने मांग की है कि एनआईए अब जीरम की घटना को लेकर संजय श्रीवास्तव से गहन पूछताछ करें और उनके पास जो भी जानकारी है उसको लेकर आगे बढ़े ताकि भाजपा की जीरम की घटना के मामले में संलिप्तता उजागर हो सके.