सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ ट्रेड यूनियनों ने आज निजीकरण और श्रम कानून में बदलाव को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बैंक, बीमा और अन्य क्षेत्र के कर्मचारी अपने घरों पर तख्ती लेकर विरोध करते नजर आए.

महासचिव धर्मराज महापात्र ने बताया कि जब पार्लियामेंट के अंदर कोई विपक्ष मौजूद नहीं था, तब केंद्र सरकार ने नए श्रम कानून बिल को विपक्ष गैरमौजूदगी में चर्चा किए बिना सदन में पास कर दिया. इसके विरोध में पूरे हिंदुस्तान के सारे बीएमएस को छोड़कर सीटू, इंटक एचएमएस, केंद्रीय कर्मचारी, कर्मचारी क्षेत्र के मजदूर बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे. जहां लॉकडाउन लगाया गया, वहां पर लोग अपने घरों के बालकनी में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. इस कानून के माध्यम से सरकार ने मेहनतकश मजदूरों को गुलाम बनाने का किया कर रही है.

उन्होंने कहा कि मजदूरों के काम के समय को बढ़ाकर 12 घंटे करने पर विचार कर पूंजीपतियों की मांग को पूरा किया जा रहा है. जरूरत के आधार पर मजदूरों को काम पर रखो और उसके बाद नौकरी से निकाल दो. पूंजीपतियों के हाथों में देश को लुटाने की प्लानिंग चल रही है. यदि सरकार उस नीति पर अंकुश नहीं लगाएगी, तो देश के अंदर में आगामी दिनों में मजदूर हड़ताल करने को मजबूर होंगे. साथ ही एक व्यापक कार्रवाई कर सरकार की नीतियों के खिलाफ पूरजोर विरोध कर सड़क पर उतरने की तैयारी की जा रही है.