भाटापारा –दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जिसे बिना संघर्ष के लक्ष्य हासिल हो गया हो,सकारात्मक पहल एवम स्वस्थ सोच के साथ किये प्रयासों से ही जीवन में सफलता मिलती है।समस्याओं का समाधान होता है, केवल सही सोच के साथ सकारात्मक प्रयासो द्वारा कार्य करने से, ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी है ग्राम बिटकुली भाटापारा जिला बलौदा बाजार के रूप चरण मरावी (सुनील) जो बचपन से ही दोनों हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद जीवन की चुनौतियों का बखूबी सामना करते हुए पढ़ई तुंहर द्वार अभियान में लॉकडाउन के समय सामुदायिक भागीदारी से ग्राम में जारी मोहल्ला स्कूल में निशुल्क सेवाएं देकर बच्चों का मार्गदर्शन कर अपना योगदान दे रहे।
संकुल के समन्वयक अखिलेश गिरी गोस्वामी, प्रोफेशनल लर्निंग कमिटी बिटकुली के प्राचार्य रमेश वर्मा, सचिव अभिलाष तिवारी बताते हैं कि रूपचरण बचपन से ही सरल,सहज एवं जागरूक व्यक्तित्व के धनी रहे बिटकुली से ही प्राथमिक शिक्षा ली, कक्षा 12वीं की पढ़ाई स्थानीय संकुल में की। बिल्हा कॉलेज से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की एवं इन दिनों सीएमडी महाविद्यालय बिलासपुर से एम ए संस्कृत की पढ़ाई कर रहे हैं। कंप्यूटर में उन्होंने डिप्लोमा किया हुआ है। रोजगार के लिए प्राइवेट प्लांट में उन्होंने कुछ दिन कार्य किया , पहले रायपुर के माल में पार्किंग व्यवस्था संभालने का वह काम कर रहे थे। लाकडॉउन में रोजगार जाने के बाद उन्हें गांव लौटना पड़ा।इसी बीच वे लॉकडाउन अवधि में अपनी शाला के संपर्क में आए और कुछ अलग करने का निश्चय लेते हुए शिक्षा के माध्यम से सेवा के कार्य से ग्रामीण बच्चों के शैक्षणिक उन्नयन में में अपना योगदान दे रहे हैं।
जिला कलेक्टर सुनील जैन और जिला शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव के मार्गदर्शन में पढ़ाई तुहंर दुआर अभियान के तहत ऑनलाइन एवं वैकल्पिक माध्यम से बच्चो की शिक्षा हेतु विभिन्न प्रयास जारी है।बिटकुली प्राथमिक स्कूल की प्रधान पाठक शोभा वर्मा बताती हैं रूपचरण एवं उनके अन्य सहयोगियों का योगदान सही मायनों में समाज के लिएशिक्षा दर्पण की संकल्पना को साबित करता है,जिसका सीधा लाभ बच्चो को मिल रहा है।वे कक्षा पांचवी तक के बच्चों को गणित ,विज्ञान, अंग्रेजी और अन्य विषयों के बारे में पढ़ा रहे हैं एवं कक्षा पांचवी के विद्यार्थियों के लिए नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के संबंध में भी फार्म पंजीयन से लेकर आवश्यक जानकारी दे रहे है।तीन भाई और तीन बहनों के बीच दूसरे नंबर के रूपचरण बचपन से ही शारीरिक रूप सेविकलांग होने के बावजूद अपनी कमी को अपना सबल पक्ष बनातेहुए एक प्रेरणा के रूप बनकर शिक्षा सारथी की भूमिका निर्वहन कर रहे है।
ज्ञातव्य हो कि रूपचरण मरावी बलौदाबाजार जिले के बिटकुली गाँव का एक दिव्यांग बेरोजगार नवयुवक है, जिनके दोनों हाथ नहीं है ,बोर्ड पर वे दोनों पैरों से लिख कर बच्चों को पढ़ाई कराते है। कोरोना काल में स्कूल बंद होनेसे अपने गाँव के बच्चों को व्यर्थ घूमते देख पढ़ाई के महत्व को समझते हुए उन्हीने अपने इस कठिन समय को चुनौती मानते हुए अवसर में बदलने का संकल्प लिया |वे रोज आपने गाँव के बच्चों को एक जगह एकत्रित कर स्वेच्छा से पारा मोहल्ला क्लास ले रहे हैं ,इनके क्लास में नियमित रुप से बच्चे आते हैं |महामारी के कठिन दौर में उनका दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति एव सेवा भावना समाज के लिए प्रेरणादायक है,उन्होंने
कमजोरी को कभी खुद पर हावी नही होने दिया व अपने गाँव के सुविधा विहीन बच्चों के लिए एक आदर्श बनकर
अपने तीन साथियों के साथ गृहग्राम बिटकुली में मोहल्ला क्लास संचालन में बतौर शिक्षक सारथी अपनी सेवाएं दे रहे है |
खंड शिक्षा अधिकारी अमरसिंह एवं नोडल अधिकारी भास्कर देवांगन ने कहा कि रुपचरन मरावी का कार्य समाज के लिए प्रेरणा स्रोत एवम अनुकरणीय है, कोरोना महामारी के समय शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सामाजिक भूमिका का निर्वहन करके युवा रूप चरण मरावी दिव्यांग होने के बावजूद ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है जो पढ़ई तूहर द्वार अभियान की यात्रा में हमेशा यादगार रहेगा। विकासखण्ड के मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी ईश्वर देवदास ने बताया कि हमारे नायक श्रृंखला अंतर्गत राज्य की वेबसाइट सीजी स्कूल वेब पोर्टल में बलौदा बाजार के मुकद्दर के सिकंदर शीर्षक से रूप चरण मरावी की प्रेरणात्मक कार्यों को राज्य के शिक्षकों और बच्चों के अनुकरण हेतु प्रकाशित भी किया गया है।