सुप्रिया पांडेय, रायपुर। किसान और खेती से जुड़े तीन बिल के खिलाफ आज रायपुर में जमकर प्रदर्शन हुआ. किसान महासंघ ने पूरे छत्तीसगढ़ में कृषि बिल का विरोध किया. प्रदर्शन में समाजसेवी गौतम बंधोपाध्याय, कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर व युवा किसान मौजूद थे. घर के बाहर तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. डॉ संकेत ठाकुर ने कहा कि इस बिल के माध्यम से जमाखोरी को औपचारिक मान्यता दी जा रही है. देश के इतिहास में पहली जब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को औपचारिक स्वरूप दिया गया है.

बिल का विरोध जताते हुए समाजसेवी गौतम बंदोपाध्याय ने बताया कि जो कृषि बिल पास किया गया है यह हमारे देश की खेती और किसानी दोनों को बर्बाद कर देगी. यह केवल देश के खेती-किसानी पर हमला नहीं है बल्कि खाद्य सुरक्षा पर भी हमला है. ये कानून खेती को निजीकरण के हाथ में देने की नीति है उस नीति को अगर वापस नहीं लेंगे तो देश की कृषि बर्बाद होगी. साथ ही देश का भविष्य भी बर्बाद होगा, इसलिए यह बड़ा सवाल है चाहे वो नियमों की बात हो, चाहे समर्थन मूल्य की बात हो, इसलिए इस बिल को वापस लेना चाहिए, देश हित में दुनिया हित में किसान और किसानों के हित में फायदेमंद होगा.

वहीं कृषि वैज्ञानिक संकेत ठाकुर ने बताया कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को औपचारिक स्वरूप दिया जा रहा है, और इसके लिए कानून बनाया जा रहा है. इसके पहले कोई कानून नहीं था जिसके तहत किसान और कारपोरेट के बीच में कोई एग्रीमेंट हो, सरकार ने तीन बिल लाया है इस बिल के माध्यम से जमाखोरी को औपचारिक मान्यता दी जा रही है. जो आवश्यक वस्तु संशोधन बिल लाया गया है उसे स्पष्ट कर दिया गया है कि तमाम खाद्य वस्तुएं इनके भंडारण से मुक्त है अब कोई लिमिट नहीं रही है, वैसे भी किसान भंडारण नहीं कर पाता.

व्यापारी व उद्योगपति ही भंडारण कर पाते हैं अब तक जमाखोरी की वजह से महंगाई कभी कभार बढ़ा करती थी. अब इकट्ठा बढ़ेगी रही है. अब तक देश में भोजन की थाली महंगाई नहीं पहुंचती थी. खरीदी के लिए एमएसपी का कोई कानूनी प्रावधान नहीं रखा है तो कम दाम में खरीदी का अधिकार व्यापारियों, उद्योगपतियों व कॉरपोरेट्स को मिलेगा और दूसरी तरफ जमाखोरी को कानूनी मान्यता देकर मनमानी कीमत पर बेचने का अधिकार इन्हें दिया जा रहा है तो उपभोक्ताओं महंगी वस्तुएं मिलेंगी. किसान कम दाम में बेचेगा उपभोक्ता महंगे रूप में बेचेगा. जिसका फायदा कॉरपोरेट्स को मिलेगा अब यह स्थिति निर्मित होगी.