रवि गोयल, जांजगीर-चांपा। एक पिता के दिल पर उस समय क्या गुजरी होगी, जब उसे अपने जिगर के टुकड़े के शव को मोटर साइकिल पर ले जाना पड़ा हो. मजबूरी वश एक पिता को ऐसा करना पड़ा, क्योंकि कोरोना काल में लगे सख्त लॉकडाउन के कारण उसे एंबुलेंस नहीं मिली. लॉकडाउन के कारण जिले में निजी वाहन बंद है. अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बाद भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई. इसके साथ ही शव को पॉलिथिन में लपेटकर दे दिया. जिसे बच्ची को उसने गोदी में खिलाया उसे पॉलिथिन में लपटे देख पिता के आंसू छलक गए.

दरअसल, जिला मुख्यालय से लगे गांव में एक 2 वर्षीय मासूम बच्ची को सांप ने डस लिया, जिसकी मौत के बाद परिजनों को बच्ची का शव पॉलिथिन में लपेट कर दे दिया गया, जिसे परिजन बाइक में रखकर घर ले जाते हुए नजर आए. इस मार्मिक दृश्य ने स्वास्थ विभाग के सुविधाओं के दावों की सारी पोल खोल कर रख दी है.

बताया जा रहा है कि मृतक बच्ची ग्राम बनारी के रहने वाले है. उसका नाम शीतल गोपाल है, जो कि सुबह खेलते वक्त जहरीले सांप ने उसे डस लिया था. जिसके बाद परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मौत के बाद पोस्टमार्टम कर एंबुलेंस नहीं होने की बात कहकर डॉक्टर ने शव को परिजनों को चादर और पॉलिथिन में लपेटकर सौंप दिया. परिजनों ने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण प्राइवेट वाहन भी किराए से नहीं मिला. मजबूरी वश शोक में डूबे पिता को परिजनों के साथ मोटर साइकिल में शव ले जाना पड़ा.

जिले में इस तरह की गड़बड़ी का पहला मामला नहीं है. इसके अलावा होम आइसोलेशन में भेजने के लिए चिकित्सकों द्वारा पैसे की मांग करने का भी मामला सामने आया है.

इस घटना के बारे में सीएमएचओ एसआर बंजारे का कहना है कि मामले की जानकारी मिली है. जांच करवाई जा रही है.