रायपुर– कांकेर के पत्रकार कमल शुक्ला के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद माओवादियों ने बैनर-पोस्टर जारी कर विरोध दर्ज किया है. कुवेमारी एरिया कमांडर के नाम से जारी बैनर में घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, कांकेर कलेक्टर और एसपी पर लोकतंत्र की हत्या किए जाने का जिक्र है. माओवादियों ने इसकी सजा जन अदालत में दिए जाने की बात कही है, हालांकि पुलिस इस बैनर को संदिग्ध मान रही है. आधिकारिक तौर पर आए बयान में कहा गया है कि यह बैनर फर्जी लग रहा है. इसकी सत्यता की पुष्टि की जा रही है.

बता दें कि पत्रकार कमल शुक्ला पर स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को उस वक़्त हमला कर दिया था, जब वह एक अन्य पत्रकार के साथ एक मामले की शिकायत लेकर थाने गए थे. इस घटना को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल एफआईआर के निर्देश दिए थे. एफआईआर के बाद कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी हुई लेकिन गैर जमानती धाराओं की वजह से मुचलके पर रिहा कर दिया गया. इस घटना को लेकर पत्रकारों में नाराजगी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी घटना की निंदा करते हुए मामले की जांच किये जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जांच के बाद धाराएं जोड़ी जा सकती है.
इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी और कांकेर के कलेक्टर-एसपी की भूमिका पर सवाल उठाया गया. माओवादियों की ओर से जारी बैनर-पोस्टर में भी इन्हीं नामों का जिक्र करते हुए जनअदालत में सजा दिए जाने का फरमान सुनाया गया है. माओवादियों की ओर से जारी किए जाने वाले इस बैनर-पोस्टर के तरीकों पर पुलिस संशय जता रही है.

इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने लल्लूराम डॉट कॉम से कहा कि- पहली नजर में यह बैनर-पोस्टर फर्जी लग रहा है, फिर भी इसकी पुष्टि के लिए बस्तर आईजी को निर्देश दिए गए हैं.

इधर मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी ने लल्लूराम डॉट कॉम से कहा कि- पूरे मामले को मुझसे जोड़ना समझ से परे हैं. इस प्रकरण से मेरा कोई लेना देना नहीं है. निजी झगड़ों को एक नया रूप दिया गया. माओवादियों की ओर से जारी बैनर-पोस्टर को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मिली है. इस संबंध में जांच के लिए एसपी से कहा है.