रामकुमार यादव, अंबिकापुर। संभाग के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने रविवार को लापरवाही की सारी हदें पार कर दी. एक नवजात शिशु को दूसरे को दिया जाने वाले ब्लड चढ़ा दिया गया. इस बात की जानकारी लगते ही परिजनों ने गुस्से का इजहार किया, जिस पर डॉक्टर ने उन पर दबाव बनाते शोर-शराबा मचाने पर अस्पताल से निकाल देने की धमकी तक दे डाली. बहरहाल, बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है.
जानकारी के अनुसार, सूरजपुर जिले के तारा गांव से महिला अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अपना डिलीवरी कराने पहुंची थी. बी निगेटिव वाले ब्लड ग्रुप वाले नवजात शिशु के लिए जरूरत पड़ने पर खून का इंतजाम किया गया, लेकिन खून चढ़ाते समय डॉक्टर और नर्स की लापरवाही की वजह से दूसरे बच्चे को दिया जाने वाला खून चढ़ा दिया गया. इसकी जानकारी होने पर बच्चे के परिजनों के हाथ-पैर फूल गए और हंगामा मचाना शुरू किया.
बच्चे के पिता का कहना है कि डॉक्टर उस पर दबाव बना रहे थे कि वह लिखकर के दें कि कुछ भी अगर उसके बच्चे को होता है तो उसका जिम्मेदार वह खुद होगा, जबकि उसका कहना है कि डॉक्टर भी उन्हें लिख कर दे कि उनकी गलती के कारण बच्चे को गलत खून चढ़ा दिया गया है. इस पर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर परिजनों पर दबाव बनाने लगे हैं.
इस संबंध में हॉस्पिटल अधीक्षक लखन सिंह ने बताया कि एक जैसे ही दिखने वाले 2 बच्चों और एक ही महीने के अंदर के दो बच्चे हैं, जिन्हें देखकर नर्सों और डॉक्टरों को गलतफहमी हो गई थी, लेकिन बच्चे को गलत खून नहीं चढ़ाया गया है. जिस बच्चे को खून चढ़ाना था, उसी बच्चे को खून चढ़ाया गया है. परिजन खामखा ही डर रहे हैं. उनके द्वारा अस्पताल के नर्स और डॉक्टर से इस बारे में पूछताछ की गई है.