फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ कला-कृतियों का भी गढ़ है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण उत्पादों की मांग विश्व भर में है. विशेषकर जनजाति समुदायों की ओर से तैयार की जाने वाली वस्तुओं की मांग हमेशा बनी रहती है. फिर चाहे वह बस्तर का ढोकरा शिल्प या बाँस की कारीगरी हो या फिर जाँजगीर का कोसा उत्पाद या फिर रायगढ़ में झारा शिल्प. यही नहीं इसके साथ ग्रामीणों की ओर से तैयार किए जाने वाले हर तरह के देशी उत्पादों की मांग रहती है. लेकिन छत्तीसगढ़ के उत्पादकों के साथ एक समस्या रही है अच्छी मार्केटिंग की. एक बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की. इस दिशा में अब भूपेश सरकार बीते दो वर्षों से लगातार प्रयासरत् है. इसी का परिणाम है कि अब ग्रामोद्योग विभाग की ओर से ग्रामीण कारोबार को बढ़ावा देने ऑनलाइन बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. बीते दिनों इसका शुभारंभ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया.
ग्रामोद्योग के लिए ट्राइफेड ई-मार्केट
दरअसल ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्र कुमार की पहल पर ट्राईफेड से हस्तशिल्प विकास बोर्ड का एमओयू होने के पश्चात ग्रामोद्योग के उत्पादों की ई-कॉमर्स में सहभागिता बढ़ी है. महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के अवसर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा ट्राईफेड ई- मार्केट का ऑनलाइन शुभारंभ किया गया. खास बात ये रही कि समारोह के दौरान बैनर में 3 चित्रों में से 2 चित्र छत्तीसगढ़ के बस्तर के ’तुंबा शिल्प’ और सुकमा का ’इमली चस्का’ नाम का स्थानीय उत्पाद रहा है.
ई-कॉमर्स में बढ़ रही सहभागिता : मंत्री गुरु रूद्र कुमार
ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष प्रयासों से छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने तथा इसे लोगों के स्वावलंबन से जोड़ने का काम किया जा रहा है. आज इसका बेहतर प्रतिसाद देखने को मिल रहा है। राज्य में बड़ी संख्या में ग्रामीण विशेषकर महिलाएं ग्रामोद्योग की गतिविधियों को अपनाकर आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं. छत्तीसगढ़ की शिल्पकला को देश-विदेश में सराहा जा रहा है. हमारे शिल्पी राज्य के गौरव हैं. ट्राईफेड का ऑनलाइन बाजार बढ़ते हुए ई-कॉमर्स में देसी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा विशेष रूप से अनुसूचित जनजातियों वर्ग के शिल्पकार द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प कलाकृतियों एवं उपयोगी सामग्री को अब आसानी से बाजार उपलब्ध होगा.
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंध संचालक सुधाकर खलखो का कहना है कि राज्य में हस्तशिल्प के क्षेत्र में लगभग 3000 अनुसूचित जनजाति के शिल्पकारों द्वारा हस्तशिल्प के क्षेत्र में कार्यरत हैं, जिसमें कुछ शिल्पकार वर्तमान ट्राईफेड से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि ट्राईफेड से बोर्ड का एमओयू होने के पश्चात इन शिल्पकारों को ई-कॉमर्स के बाजार से उनके उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही सुकमा के विहान समूह के मसाले, इमली चस्का, कोरिया जिले के अनुसूचित जनजातियों द्वारा उत्पादित शहद, घी, हल्दी, लेमनग्रास, चावल, सरगुजा के मैनपाट से कालीन तथा अन्य जिलों से ढ़ोकरा और लौह शिल्प को अत्यधिक पसंद किया जा रहा है. ऑनलाइन ई-मार्केट के शुभारंभ के पश्चात छत्तीसगढ़ नवनिर्मित हस्तशिल्प के उत्पादों को भी ट्राईफेड के ऑनलाइन पोर्टल पर देशभर में खरीदी के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है.
ग्रामोद्योग सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की छूट
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर प्रदेश में ग्रामोद्योग उत्पादित सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा कर दी है. राज्य की जनता को ग्रामोद्योग सामग्रियों की खरीदी पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी. ग्रामोद्योग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वस्त्र, मास्क, सेनेटाईजर, गोबर से बने गमला, दिये सहित विभिन्न प्रकार की वस्तुएं और कलाकृतियां, बेलमेटल, बांसशिल्प, माटीकला बोर्ड से निर्मित विभिन्न कलाकृतियां, विभिन्न प्रकार के काष्टशिल्प आदि का विक्रय किया जाता है. आम जनता कोरोना महामारी के समय कोरोना से सुरक्षा के लिए उपयोगी सामग्री ग्रामोद्योग सामग्री विक्रय केन्द्र से कम कीमत पर खरीद सकते हैं.
और 9 विक्रय केंद्र की घोषणा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामोद्योग सामग्रियों का उत्पाद और विक्रय को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ग्रामोद्योग के और 9 विक्रय केन्द्र शुरू करने की भी घोषणा की है. इन 9 केन्द्रों – रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर, कोरबा, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती और दंतेवाड़ा में खोले जाएंगे. वहीं गांधी जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री ने पाटन तहसील के ग्राम सेलूद में सोलर चरखा प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ भी किया. इस केन्द्र के माध्यम से अंचल के युवाओं को धागा एवं वस्त्र बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस केन्द्र की स्थापना से ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार.
990 शिल्पकारों को रोजगार
ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल के दौरान जहां पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, वहीं राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में ग्रामोद्योग की गतिविधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड शिल्पकारों के कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप हस्तशिल्पियों की कला को निखारने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रदेश के शिल्पकारों को कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं सर्वे एंड स्टडी कार्यक्रम के माध्यम से 990 शिल्पकारों को रोजगार के नए अवसर दिए जा रहे हैं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने विभागीय अधिकारियों को शिल्पकारों के उत्थान और विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर नई कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं. इसी कड़ी में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को 23 विभिन्न कार्यक्रम के लिए एक करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है.
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक शंकर लाल धुर्वे ने बताया कि बोर्ड द्वारा हस्तशिल्प युवाओं के कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं सर्वे एंड स्टडी प्रोग्राम हेतु राज्य शासन से आवंटित बजट के अतिरिक्त प्रदेश के शिल्पकारों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली से 23 कार्यक्रमों के लिए एक करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है.
उन्होंने बताया कि इसके तहत इंट्रिगेटेड डिजाइन एंड टेक्निकल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के 5, तकनीकी डिजाइन कार्यशाला के 3, तकनीकी प्रशिक्षण प्रोग्राम के 13 तथा दो सर्वे एंड स्टडी प्रोग्राम आयोजित किये जायेंगे. जिससे राज्य के विभिन्न विधाओं के लगभग 990 शिल्पकार सीधे लाभान्वित होंगे। श्री धुर्वे ने बताया कि यह हस्तशिल्प विकास बोर्ड का सराहनीय प्रयास है जो प्रदेश के शिल्पकारों के कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन की दिशा में यह कारगर सिद्ध होगा.