सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। आइए आज आपको एक जरूरी खबर बताते हैं. यकीन मानिए यह खबर आपको उस हकीकत से रूबरू कराएगी, जिसे हम जाने-अनजाने में नजरअंदाज कर रहे हैं. यह खबर हमे हमारे स्वास्थ्य के प्रति सचेत करेगी. यह खबर बताएगी कि कैसे स्वाद के फेर में हम अनचाही तकलीफ को बुला रहे हैं. हम बात कर रहे हैं फ्रोजन फूड के नुकसान की.

कोरोना वायरस से जिस वक्त दुनिया बड़ी लड़ाई लड़ रही है, ठीक इस दौर में फ्रोजन फूड मार्केट में आई उछाल बताती है कि हमारी रसोई में सेहत को नुकसान पहुंचाने दुश्मन ने घुसपैठ कर ली है. जानकार बताते हैं कि फ्रोजन फूड किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद नहीं है. खासतौर पर कोरोना संक्रमण के फैलाव का यह बड़ा कारण बन सकता है. हाल ही में चीन में फ्रोडन फूड के शिपमेंट में कोरोना वायरस मिला था, जिसके बाद चीन ने फ्रोजन फूड के निर्यात पर रोक लगा दी थी. ऐसे में यह माना जा रहा है कि ठंडा होने की वजह से इसमें संक्रमण का खतरा अधिक है.

खान-पान से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो अति व्यस्त जीवनशैली की वजह से रसोई घरों में फ्रोजन फूड ने जगह बनाई है, लेकिन इसके धड़ल्ले से किए जा रहे इस्तेमाल के दौरान लोग सेहत का ख्याल रखना भूल रहे हैं. फ्रोजन फूड पौष्टिकता न केवल घट जाती है, बल्कि इसमें विटामिन पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं. स्वाद भी बदल जाता है. इसकी लाइफ बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है. यह प्रिजर्वेटिव हार्ट और लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं.

फ्रोजन फूड को ज्यादातर समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम कार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं. इसके सेवन से ब्लडप्रेशर बढता है. फ्रोजन सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिन्हे एंटी माइक्रोबिंस कहा जाता है. इनसे सेंसिटिव लोगों को एनर्जी हो सकती है. लंबे समय तक फ्रोजन फूड का सेवन करने से ट्यूमर या कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

लल्लूराम डाट काम से बात करते हुए डाइटिशियन लक्ष्मी पांडेय ने बताया कि फ्रोजन फूड के ढेरों नुकसान हैं. इसका इस्तेमाल हमारे शरीर के लिए खतरनाक है. साथ ही यह कई बीमारियों की मुख्य वजह है. लक्ष्मी पांडेय इसके नुकसान से अवगत कराती हैं.

खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल – फ्रोजन फूड्स को आकर्षक बनाने के लिए उनमें ब्लू-1 और रेड-3 जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह होते हैं. कई देशों में इस पर पूरी तरह रोक लगी हुई है. इसलिए बाजार से फ्रोजन फूड खरीदते वक्त लिस्ट में इन केमिकल्स की जांच जरूर कर लें.

50 प्रतिशत पौष्टिकता खत्म – फ्रोजन सब्जियों की लगभग 50 प्रतिशत पौष्टिकता नष्ट हो जाती है..खासतौर पर विटामिन बी और सी पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं. साथ ही इनका स्वाद भी बदल जाता है.

ट्यूमर और कैंसर – फ्रोजन सब्जियों को ताजा रखने के लिए कुछ ऐसे केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिन्हें ‘एंटी माइक्रोबिएंस’ कहा जाता है.. इनसे सेंसिटिव लोगों को एलर्जी भी हो सकती है. अगर लगातार लंबे समय तक फ्रोजन चीजों का सेवन किया जाए तो इनकी वजह से ट्यूमर या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं..

हार्ट और लिवर के लिए खतरा – ऐसी चीजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए कई तरह की प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो हार्ट और लिवर के लिए बहुत नुकसानदेह होता है.

हाई ब्लडप्रेशर – फ्रोजन चीजों खास तौर पर चिकन नगेट्स, पिज्जा, कबाब, आलू टिक्की, फ्रेंच फ्राइज, फल, सब्जी जैसी चीजों को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें मोनो-सोडियम ग्लूटामेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व मिलाए जाते हैं. ऐसी चीजों के सेवन से लोगों का ब्लडप्रेशर बढ़ता है.

मोटापा और बैड कॉलेस्ट्रॉल – फ्रोजन फूड में टिक्का, फ्रेंच फ्राई, चिकेन नगेट्स, मटन कोफ्ता, स्प्रिंग रोल आदि कई ऐसी चीजें होती है, जिन्हें डीप फ्राई करने की जरूरत पडती है. इससे वजन बढने का खतरा रहता है. फ्रोजन नॉनवेज में कई तरह के सैचुरेटेड फैट होते हैं, जो बैड कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढाते हैं.

चिकित्सा एक्सपर्टस की सलाह

फ्रोजन फूडस में सोडियम की क्वांटिटी बहुत ज्यादा होती है, जो हेल्थ को बहुत नुकसान पहुंचाती है. बॉडी को दिनभर में 2,300 मिली सोडियम की जरूरत होती है और 40 साल के बाद 1500 मिली की जबकि फ्रोजन और रेडी फूड्स में फ्लेवर डालने के लिए सॉल्ट का यूज ज्यादा किया जाता है, जो बॉडी में सोडियम की क्वॉन्टिटी को बढ़ा देता है. इससे आप खतनाक बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.