रायपुर। मरवाही उपचुनाव से पहले जाति को लेकर छिड़े विवाद के बीच जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि जोगी परिवार को मरवाही की जनता ने आदिवासियों के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा से लगातार जीत दिलाकर पिछले 20 वर्षों से आदिवासी होने का प्रमाण पत्र देते आ रही हैं, इसलिए उन्हें कांग्रेस-भाजपा से जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं हैं. विरोधी जब-जब जाति का मामला सामने लाए हैं, हर बार मुंह की खाए और इस बार भी मुंह की खाएंगे.

अमित जोगी ने कांग्रेस पर मरवाही उपचुनाव में जोगी परिवार को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले एसएसी/एसटी, सामाजिक प्रास्थितिक कानून का अवैधानिक संशोधन किया गया, और अब ऋचा जोगी के जाति मामले पर अड़ंगा लगा रही है.

उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार में आदिवासी वही माना जाता है जो कांग्रेसी है. जब तक मेरा परिवार कांग्रेस में था, हम आदिवासी थे और जैसे ही मेरे पिताजी अजीत जोगी ने कांग्रेस छोड़ी वो ग़ैर-आदिवासी बन गए. आज तक भूपेश बघेल ये नहीं बता पाए हैं कि अगर मैं आदिवासी नहीं हूँ, तो आख़िर मेरी जाति क्या है? उन्होंने कहा कि मेरा एक ही क़ुसूर है कि तमाम दबावों और प्रलोभनों के बावजूद मैंने अपने पिताजी की विरासत को ज़िंदा रखते हुए कांग्रेस सरकार की किसानों, नौजवानों, कर्मचारियों, महिलाओं और ग़रीबों के साथ हो रही वादाखिलाफ़ी और व्यापक भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार लड़ाई लड़ी है.

अमित जोगी ने कहा मरवाही उपचुनाव में हार का पूर्वाभाष होने के पश्चात् कांग्रेस के द्वारा तरह तरह के पैतरेबाजी की जा रही हैं, पिता-पुत्र के बाद अब कांग्रेस जोगी परिवार की बहु ऋचा जोगी से घबरा गई है. कल तक अजीत जोगी और अमित जोगी के जाति पर सवाल उठाते थे, अब उनकी बहू ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पर सवाल उठा रहे हैं, जबकि ऋचा जोगी के परिवार के पास 1950 के पूर्व का राजस्व दस्तावेज हैं. उक्त जाति प्रमाण पत्रों के लिए ऋचा जोगी के परिवार के द्वारा राजस्व दस्तावेज, वंशावली/वंशवृक्ष, पटवारी प्रतिवेदन सहित जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किया गया और इसी आधार पर ऋचा जोगी ने भी जाति प्रमाण प्राप्त किया हैं.