प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की ‘देह वीचवा करणी’ नामक आत्मकथा का विमोचन किया. उन्होंने प्रवरा रूरल एजुकेशन सोसाइटी को ‘लोकनेत डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवरा रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ का नया नाम दिया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में विखे पाटिल के जीवन की कहानियां मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि बालासाहेब विखे पाटिल ने डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटिल के पद चिन्हों पर चलते हुए अपने आप को महाराष्ट्र के विकास के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों, गरीबों, किसानों के जीवन को सुगम बनाना और उनके कष्टों को कम करना ही विखे पाटिल के जीवन का मूल आधार रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विखे पाटिल ने हमेशा समाज की बेहतरी के लिए काम किया और उन्होंने हमेशा राजनीति को समाज में एक सार्थक परिवर्तन लाने का माध्यम बनाने और गरीबों और गांवों की समस्याओं को हल करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बालासाहेब विखे पाटिल के इस दृष्टिकोण ने उन्हें दूसरों से अलग कर दिया है. उन्होंने कहा कि बालासाहेब पाटिल की आत्मकथा हम सब के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और गांव के विकास के लिए, गरीबों के लिए, शिक्षा के लिए और महाराष्ट्र में सहकारिता की सफलता के लिए उनके प्रयास और योगदान भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे.