रायपुर। केंद्रीय पशुपालन एवं मछलीपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान की रायपुर में हुई प्रेस वार्ता में कहीं गई बातों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आखिरकार कांग्रेस के आरोप और किसानों की आशंकायें सच साबित हुईं. मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों में एमएसपी में उपज खरीदने की अनिवार्यता का उल्लेख नहीं है और यह बिल किसान मजदूर विरोधी है.

उन्होंने कहा है कि केंद्रीय पशुपालन एवं मछलीपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने स्वीकार किया है कि इन क़ानूनों से उद्योगपति और व्यापारियों को छूट मिलेगी. ये उद्योगपति कौन हैं, यह सारा देश बखूबी समझ रहा है. एमएसपी के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर कानून में हर बात नहीं लिखी जा सकती. इससे स्पष्ट है कि नए कृषि बिल चंद बड़े पूंजीपतियों को किसानों को अपनी फसल औने-पौने दाम में बेचने के लिये मजबूर करने का लाइसेंस है. किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर पूँजीपति किसानों को पांच साल के लिए गुलाम बनायेंगें. चंद बड़े व्यापारियों की अपनी मर्जी की कीमत में किसान की फसल लेंगे.

मरकाम ने कहा कि केंद्रीय पशुपालन एवँ मछलीपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने किसानों की फसल के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर अन्नदाताओं का अपमान किया है. उन्होंने कहा कि कोलकाता का जूता चप्पल देश भर में बिक सकता है, तो किसानों की फसल क्यों नहीं? उन्होंने कहा है कि केंद्रीय पशुपालन एवं मछली पालन राज्य मंत्री को इस प्रकार के उदाहरण देने से बचना चाहिए. जूता चप्पल के साथ किसानों की फसल की तुलना नहीं की जा सकती. भाजपा शासनकाल में बीएसएनएल की जो हालात खराब हुई है उसके लिए भाजपा सरकार के निजीकरण की नीतियां जिम्मेदार है ठीक उसी तरह अब मोदी सरकार कृषि क्षेत्र का निजीकरण कर किसानों की भी हालात को बीएसएनएल की तरह करना चाहती हैं. यह केंद्रीय पशु पालन एवं मछली पालन राज्य मंत्री संजीव बालियान के द्वारा दिये गये उदाहरण से स्पष्ट हो गया है.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय पशुपालन एवं मछलीपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान किसान विरोधी तीन काले कानून को सही ठहराने के लिए कांग्रेस के 2019 के घोषणा पत्र को आधार बना रहे तो केंद्रीय पशुपालन एवँ मछली पालन राज्य मंत्री संजीव बालियान को कांग्रेस के घोषणा पत्र के आधार पर कृषि बिल को तैयार करना था. कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों को सब्सिडी में खाद बीज डीजल दवाइयां के साथ किसानों के लिए प्रत्येक ब्लाक में आधुनिक गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, खाद्य प्रसंस्करण की स्थापना, किसानों के घर के नजदीक सर्वसुविधायुक्त बाजार जिसमें किसानों को फसल बेचने में सहजता हो समर्थन मूल्य मिले, सहित अनेक किसान हितैषी योजना शामिल है उसे लागू कर दे.