पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। सड़क तालाब में तब्दील में हो गई है, फावड़ा, गैती, तगाड़ी और सब्बल लेकर महिला-पुरुष-बुजुर्ग सड़क काटने में लगे हुए है. करीब 5 किलोमीटर की सड़क सैकड़ों गढ्ढे में तब्दील है और ग्रामीण 4 दिनों से टेंट में रुके हुए हैं. यह नजारा दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ककाड़ी और नहाड़ी गांव का है, जहाँ ग्रामीण खुलने वाले पुलिस कैम्प के विरोध में मोर्चा खोल रखा है.

जानकारी के मुताबिक नहाड़ी गांव में कैम्प विरोध में नहाड़ी, ककाड़ी, बुरगुम, पोटाली, जबेली, गोण्डेरास, बर्रेम के ग्रामीण इकठ्ठा हुए हैं. रशद राशन लेकर ग्रामीण टैंट लगाकर सड़क किनारे ही 4 दिनों से रुके हुए है. नहाड़ी से ककाड़ी तक की सड़क ग्रामीणों ने काट दी है. ग्रामीणों का कहना है कि हमें किसी भी कीमत में पुलिस कैम्प नहीं चाहिए. कैम्प खुलने से पुलिस ग्रामीणों को नक्सल मामलों में पकड़कर जेल भेज देगी. इससे पहले भी पुलिस हमारे गांव के लोगों को पकड़कर जेल भेज चुकी है.

नहाड़ी के सरपंच स्वयं मौजूद थे, जो कि पंचायत से एक प्रस्ताव भी पारित किया है की नहाड़ी गांव में पुलिस कैम्प की जरूरत नहीं है. इसलिए कैम्प नहाड़ी में स्थापित नहीं किया जाए, तो वही ग्रामीण कैम्प लगने की खबर महज से सरकार और प्रशासन के विरोध में है. 4 दिनों से जारी विरोध में अब तक प्रशासन की तरफ से कोई गांव नहीं पहुँचा है. नहाड़ी गांव अंदुरुनी पंचायत में शुमार करता है जिसकी वजह से प्रशासन और पुलिस को इस विरोध की भनक तक भी नहीं है.

दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव का कहना है कि ग्रामीण सड़क काटकर क्यों विरोध कर रहे ? उन्हें अपनी समस्या कलेक्टर के पास रखनी चाहिए. अगर कैम्प की बात है, तो नक्सल प्रभावित इलाकों में जहाँ-जहाँ कैम्प की जरूरत लगेगी, वहाँ-वहाँ कैम्प लगाए जाएंगे. वैसे भी नहाड़ी सड़क का टेंडर लग चुका है.