सुप्रिया पांडे,रायपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में जूनियर डॉक्टर भागवत देवांगन की आत्महत्या का मामला गरमाता जा रहा है. छत्तीसगढ़ देवांगन कल्याण समाज ने आज राज्यपाल अनुसुईया उइके को ज्ञापन सौंपते हुए दोषी 5 सीनियर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि जूनियर डॉक्टर भागवत देवांगन ने रैगिंग और जातीय उत्पीड़न से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी.

इस मामले में अधिवक्ता डॉक्टर देवा देवांगन ने बताया कि डॉक्टर भागवत देवांगन हड्डी रोग विशेषज्ञ थे, उन्हें हमेशा जाति को लेकर प्रताड़ित किया जाता था. साथ ही रैगिंग कर पैसे भी लूट लिए जाते थे, जिससे परेशान होकर डॉक्टर भागवत देवांगन ने आत्महत्या कर लिया. कुछ देर बाद हॉस्टल के प्रभारी अरविंद शर्मा का फोन आता है और वो डॉक्टर भागवत को गंभीर रूप से बीमार बताते है. साथ ही आईसीयू में भर्ती होने की बात भी कहते है. जब डॉक्टर के छोटे भाई प्रहलाद और देवीप्रसाद देर रात जबलपूर पहुंचे, तो उन्हें पता चलता है कि डॉक्टर भागवत का निधन हो गया.

डॉक्टर के भाई और देवांगन समाज के लोगों ने ये आरोप लगाया है कि दोषियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. साथ ही जब वे इस मामले की रिपोर्ट लिखाने गए, तो रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई. समाज के लोगों को ये आशंका है कि डॉक्टर भागवत ने आत्महत्या नहीं की है, बल्की उनकी हत्या की गई है और षड़यंत्रपूर्वक उन्हें फांसी पर लटकाने की साजिश रची गई. इस घटना के संबंध में जांजगीर चांपा जिले में भी देवांगन समाज के द्वारा ज्ञापन दिया गया था, लेकिन अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

डॉक्टर देवा देवांगन ने कहा कि हमने राज्यपाल से मांग की है कि इस पूरे घटना से मध्यप्रदेश की सरकार को अवगत कराया जाए और इसकी जांच विशेष जांच कमेटी या न्यायिक जांच कमेटी से कराया जाए.