रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ने वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से राज्य के सभी जिलों के महिला बाल विकास, स्कुल शिक्षा, खाद्य, आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित की जाने वाली पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए. आमजनों से काल सेंटर में प्राप्त शिकायतों का तत्काल निराकरण कर प्रतिवेदन देने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए.

खाद्या विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने कहा कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता के लिए गोदाम में रखे नमीयुक्त राशन सामग्री के बैग्स को पृथक रखा जावे और किसी भी स्थिति मे इसे पीडीएस में वितरण के लिए जारी नहीं किया जाएं. दुकानों को प्रदाय चावल, नमक, चना, गुड़ आदि राशन सामग्री का सेंपल अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाए. पूरक पोषण आहार योजना और मध्यान्ह भोजन योजना मे भी प्रदाय सामग्री की गुणवत्ता का पूर्ण ध्यान रखा जाए. सचिव ने कहा कि हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त करना है और अगर पात्रता का उल्लंघन हो रहा है तो जिला शिकायत निवारण अधिकारी को सूचित करें. शिकायतों को दर्ज करने के लिए कॉल सेंटर या हेल्पलाइन हो, ताकि नियत समय में निपटारा हो सके. जिस जिले में जितनी दुकाने है वहां पर सर्तकता समिति गठित होना चाहिए. राशनकार्डधारियों में से ही सर्तकता समिति के सदस्य नियुक्त किया जा सकता है.

बैठक में राज्य के सभी जिलों के महिला बाल विकास, स्कूल शिक्षा, खाद्य विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला स्तर के अधिकारी शामिल हुए. खाद्य आयोग के सचिव राजीव जायसवाल ने आयोग की वेब साइट के बारे में और आम जनता अपनी बात या शिकायत जिला या राज्य स्तर तक कैसे पहुंचाये उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी. बलरामपुर, सूरजपुर एवं कोरिया जशपुर के हितग्राहियों को खाद्य सामग्री शत प्रतिशत पहुंचे, इसके लिए नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी दुकाने है, उतनी ही सर्तकता समिति गठित करने को कहा गया.