लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौंडी। डौंडी के जंगलों में एक सप्ताह से विचरण करने वाला चंदा हाथी का दल मंगलवार को भानुप्रतापुर के साल्हे गांव से लौट आया है, जो डौंडी रेंज के लिए मुसीबत साबित हो रहा. यही नहीं हाथी का दल जंगल से गांव तक पहुंचने लगा है, जिससे ग्रामीण चिंतित है कि उनकी फसल के साथ-साथ कहीं घरों को नुकसान न पहुंचा दे.
हाथी दल रात में खुर्सीटिकुर गांव के जंगल में उत्पात मचाते हुए कई खेतों की फसलों को तहस-नहस करने के साथ बोर पंप को उखाड़ फेंक दिया है. हाथियों का दल बुधवार दोपहर को खुर्सीटिकुर गांव से लगे हुए लिमऊडीही पहुंच गया, जहां केकतीपारा निवासी दुरुग सिंह मरकाम लिमउडीह के घर लगे केला के पेड़ को खाने के साथ जमकर उत्पात मचाया.
दहशत में हैं ग्रामीण
लिमऊडीही सरपंच सुकदेव पिस्दा ने बताया कि हाथियों के दल से हम दहशत में हैं. हमे सुरक्षा की जरूरत है. साल भर में हम सिर्फ एक फसल बोते है, उसे भी हाथी के नष्ट करने का डर बना हुआ है. कई ग्रामीणों की फसल को नुकसान पहुंचाए हैं. जल्द से जल्द विभाग मुआवजा दे दे तो ठीक रहेगा, क्योंकि कोरोना के चलते काम भी नहीं है, जिससे जीने के लिए एकमात्र फसल ही सहारा बचा है.
शांत है हाथियों का दल
वहीं डीएफओ सतोविता समाजदार ने बताया कि 22 हाथियों दल क्षेत्र में लगातार विचरण कर रहा है. वन विभाग की पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि हाथियों का यह दल बिल्कुल भी उत्पाती नहीं है, ये हाथियों का शांत दल है. हमने गांव में मुनादी करा दी है कि कोई भी अपने घर से बाहर न निकले न ही तो शोर मचाये. उन्होंने बताया कि हाथियों के दल ने कुछ खेत को नुकसान पहुंचाया है, जिस पर राजस्व विभाग से बात चल रही है, जल्द ही ग्रामीणों को उचित मुआवजा दे दिया जाएगा.