छत्तीसगढ़ में दवाई खरीदी में करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। आम आदमी पार्टी ने आज प्रेस वार्ता कर इसका खुलासा किया। आप का आरोप है कि प्रदेश में राज्य कर्मचारी बीमा निगम की ओर से की जाने वाली खरीद में 7 करोड़ 44 लाख की गड़बड़ी सामने आई है। आप ने दस्तावेजों के साथ यह आरोप लगाया है कि राज्य कर्मचारी बीमा निगम ने 23 अनिधकृत कंपनियों से ये खरीदी की है। वो भी बिना टेंडर निकाले। जिन कंपनियों से दवाई खरीदी की गई है उनमें से ज्यादातर दवा कारोबारी भी नहीं है। आप ने उन 23 कंपनियों की सूची भी जारी की जिससे कर्मचारी बीमा निगम ने दवा खरीदी है। इसमे कोई फर्निचर विक्रेता, कोई कपड़ा विक्रेता, कोई टीवी-फ्रिज-कुलर तो कोई अन्य तरह के कारोबारी है।
आप नेताओं का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में दवाइयां सहित अन्य सामग्रियों के लिए राज्य सरकार की ओर से 60.47 करोड़ रुपये का आबंटन कर्मचारी बीमा निगम को किया गया था।
ये दवाइयां कर्मचारी बीमा निगम की ओर से शासकीय और अर्धशासकीय कर्मचारियों के इलाज में निःशुल्क दवाइयां वितरण के लिए खरीदी जाती है। और इसके लिए निविदा प्रकिया अपनाई जाती है।
लेकिन आरोप ये है कि बिना निविदा निकाले ही 23 कंपनियों को दवाई खरीदी के लिए अनुमोदित कर दिया गया। और उनसे 7 करोड़ 44 लाख की दवाई खरीद ली गई। आप ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, श्रम विभाग और निदेशक कर्मचारी बीमा नई दिल्ली से की है। आप ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।