खिलेंद्र यादव, केशकाल। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में आज पुलिस ने 15 वर्षीय बच्ची का शव मरघट से बाहर निकलवाया है. बच्ची ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को नहीं दी थी. पूछताछ में परिजनों ने मौत का स्पष्ट कारण भी नहीं बताया. इसलिए पुलिस मौत का स्पष्ट कारण जानने मिट्टी में दफन शव बाहर निकलवाया. ताकि मौत की वजह पता चल सके.

मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस थाना धनौरा से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम हिचका में लगभग 3 माह पूर्व 22 अगस्त को एक लड़की ने इमली के पेड़ में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. जिसकी पुलिस को बगैर सूचना दिए अंतिम संस्कार कर दिया गया था.

धनौरा थाना के ही छोटे ओडागांव में भी गैंगरैप पीड़िता द्वारा आत्महत्या कर जान दे देने वाली लड़की के बारे में भी पुलिस को बगैर सूचित किए दफन कर दिया था. जिसकी लाश को निकलवाकर जब पुलिस ने जांच शुरू किया था तो गैंगरैप का मामला उजागर हुआ, जिससे प्रदेश में हड़कंप मच गया.

छोटे ओडागांव का मामला गरमाया था. इसी दरम्यान हिचका के इस मामले की खबर एसपी को उनके विश्वसनीय सूत्र से मिली. इस सूचना के बाद एसपी ने जानकारी की पुष्टि करके जांच शुरू करवाया. पुलिस ने मर्ग कायम करके अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रतिवेदन प्रेषित किया, जिसकी जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने नायब तहसीलदार से करवाने के बाद लाश निकलवाकर मृत्यु के कारण की पुष्टि करने की अनुमति दिया. जिसका पालन करते शनिवार को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट बतौर नायब तहसीलदार क्षमा यदु की उपस्थिति में लाश को जमीन से निकलवाया और धनौरा लाकर पोस्टमार्टम करवाया.

पोस्टमार्टम से अटकलों पर लगेगा विराम 

15 वर्षीय लड़की के मौत के बारे में परिवार के लोग एवं ग्रामवासियों का कहना है कि लड़की की तबीयत ठीक नहीं थी. लेकिन पुलिस को सूचना न देने के कारण लोगों का अलग-अलग बयान देकर खुद को बचाने की कोशिश की जाने लगी थी. वहीं इस मामले पर लोग आशंका जाहिर करने वालों का यह कहना है कि इस मामले में भी पुलिस को यह जांच पड़ताल करना चाहिए कि कहीं धोखा शोषण जैसी वारदात से दुखी होकर अपनी जान तो नहीं दी.