रायपुर- छत्तीसगढ़ में प्रमोटी आईएएस के रिक्त सात पदों के लिए आज दिल्ली में डीपीसी की बैठक हुई है. इस बैठक में यूपीएससी और डीओपीटी के अफसरों के साथ राज्य के मुख्य सचिव आर पी मंडल भी शामिल हुए. राज्य प्रशासनिक सेवा के 21 अफसरों के नाम भेजे गए थे. इसमें 2003 से लेकर 2008 बैच तक के अधिकारियों के नाम शामिल थे. बैठक में इन सभी नामों पर विचार किया गया है.

सूत्र बताते हैं कि इन 21 नामों की सूची में तीन नाम 2003 बैच के आईएएस अधिकारियों के हैं. खास बात यह है कि साल 2003 बैच में हुई भर्ती की गड़बड़ी पर हाईकोर्ट ने भी मुहर लगाई थी. साथ ही नए सिरे से चयन सूची जारी करने के निर्देश दिए थे. इस प्रकरण की सुनवाई फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. हाल के महीनों में हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाली वर्षा डोंगरे ने यूपीएससी और डीओपीटी को चिट्ठी लिखकर कोर्ट के अंतिम निर्णय तक डीपीसी नहीं करने का आग्रह भी किया था. सूत्र बताते हैं कि पुराने डीपीसी के लिए भेजे गए तीन अन्य अफसरों के खिलाफ जांच प्रचलित होने की वजह से तीन पदों को रोका जा सकता है. 1998 बैच के अरविंद एक्का, 2000 बैच के संतोष देवांगन और हिना नेताम के नाम इनमें शामिल है.

यूपीएससी के वर्तमान चेयरमेन विवादित पहलू से हैं वाक़िफ़

गौर करने वाली बात यह है कि 2003 बैच की चयन सूची में हुई गड़बड़ियों से यूपीएससी चेयरमेन डाॅ.प्रदीप कुमार जोशी वाक़िफ़ हैं. वह छत्तीसगढ़ पीएससी के चेयरमेन रह चुके हैं. उन्हें इस प्रकरण की बारीक से बारीक जानकारियां मालूम हैं. डीपीसी की बैठक में इस बैच के अधिकारियों को लेकर क्या फैसले लिए गए हैं, इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है. इधर जानकारी मिली है कि यदि 2003 बैच के अधिकारियों के नामों में से किसी को आईएएस अवार्ड होगा, तो इसे लेकर वर्षा डोंगरे कोर्ट जा सकती हैं.