बीजापुर। गंगालूर और कुटरु क्षेत्र के लोगों की बरसों पुरानी मांग प्रदेश की भूपेश सरकार में पूर्ण होता दिख रहा है. लोगों की मांग के अनुरूप गंगालूर और कुटरु को लिंक तहसील बनाया गया है. गंगालूर का लिंक तहसील बीजापुर तहसील से और कुटरु का लिंक तहसील भैरमगढ़ तहसील से सीधे जुड़ेगा. गंगालूर का लिंक तहसील सप्ताह में दो दिन बुधवार और गुरुवार को काम करेगा. वहीं कुटरु के लिंक तहसील सोमवार और शुक्रवार को काम करेगा.

शनिवार को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं बीजापुर के विधायक विक्रम शाह मंडावी ने कुटरु में लिंक तहसील का शुभारम्भ होने के अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंगालूर और कुटरु क्षेत्र के लोगों की बरसों पुरानी मांग थी की इन क्षेत्रों को तहसील का दर्जा दिया जाए, क्योंकि लोगों को तहसील से सम्बंधित कार्यों के लिए सत्तर सत्तर किलो मीटर दूरी तक तय करना होता था, जिसके लिए समय के साथ-साथ रुपयों की भी बर्बादी होती थी और सड़क दुर्घटनाओं का भी डर रहता था. लेकिन गंगालूर और कुटरु में लिंक तहसील बनाए जाने से आम लोगों को सत्तर सत्तर किलो मीटर दूरी अब तय नहीं करना होगा. अब लोग अपने ज़रूरी कार्य जैसे जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, भूमि का नक़्शा, खसरा, बी॰-1, ज़मीन बंटवारा और नामान्तरण आदि का निराकरण करने में आसानी होगी.

बता दें कि गंगालूर लिंक तहसील के अंतर्गत 47 गांव आएंगे, जिसमें 9 पटवारी हल्के और 15 ग्राम पंचायत के लोगों को लाभ होगा वहीं कुटरु क्षेत्र के 122 गांव शामिल है जिनमे 10 पटवारी हल्के और 25 ग्राम पंचायत के लोग लाभान्वित होंगे. इस तरह कुल 169 गांवों के लोगों को इस सुविधा का लाभ होगा.

गंगालूर और कुटरु क्षेत्र में लिंक तहसील खुलने से लोगों में काफ़ी उत्साह है. कुटरु में लिंक तहसील के शुभारम्भ में ज़िले के कलेक्टर, ज़िले के जनप्रतिनिधि एवं ज़िले के गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे.