भारत भूषण साहू, सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के एक छोटे कस्बे सारंगढ़ के रहने वाले 24 वर्षीय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कॉलेज छात्र राहुल हरिप्रिया ने कोविड-19 महामारी की तरह कठिन समय के दौरान भी खुद को सबसे सकारात्मक बनाए रखने और हिम्मत न हारने के विषय पर एक किताब पेश की है, जिसका शीर्षक है लॉकडाउन डिस्कवरी यह पुस्तक यह संदेश देती है कि कोई व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी कैसे सकारात्मक रह सकता है. जीवन के सबसे बुरे समय को भी कुछ महान करने के अवसरों में बदल सकता है.

राहुल ने अपनी किताब के बारे में बताया कि यह किताब जीवन में विभिन्न समस्याओं के बारे में बताती है जब चीजें निराशाजनक हो जाती है और कैसे उस समय में भी कोई व्यक्ति खुद को बेहतर बना सकता है. यदि उन्हें खुद पर विश्वास है यह किताब बताती है कि कैसे कुछ सरल तत्व किसी को भी खुद का एक बेहतर व्यक्तित्व बनाने में मदद कर सकते हैं. यह किताब एक व्यक्ति को कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन जैसी कठिन परिस्थितियों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ संस्करण को खोज निकालने में मदद करने के उद्देश्य से बनाई गई है.

इस किताब में आपको पता चलेगा कि हमारे जीवन का हर अनुभव किसी न किसी कारण से होता है. इसके पीछे हमेशा एक संदेश या एक सबक होता है अगर हम अपने अनुभवों से सीखने के लिए तैयार है तो हम अपना जीवन बेहतर करने के लिए तैयार हैं. पुस्तक में एक व्यक्तिगत स्पर्श है, जिसे हर पाठक अपने आप से जुड़ सकता है, क्योंकि इस पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और अनुभवों का उल्लेख किया गया है, जिसका हर किसी को अपने जीवन में कम से कम एक बार सामना करना ही पड़ता है. राहुल ने कहा कि यह पुस्तक पेपर बैंक के साथ-साथ प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइट में ई- प्रारूप में भी उपलब्ध है.

राहुल हरिप्रिया अपनी किताब की कहानी के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि इस किताब में इस किताब के माध्यम से प्रस्तुत कथा एक तरह से अद्वितीय है, क्योंकि यह एक स्वयं सहायता पुस्तक है जो लोगों को जीवन में सबसे कठिन परिस्थितियों में से बाहर लाने के लिए मार्गदर्शन देती है. ध्यान देने की बात यह है कि इस तरह की कोई पुस्तक कोविड-19 महामारी के दौर में पहले जारी नहीं की गई है .इस किताब में कुछ ऐसे अंक शामिल है जिन्हें पाठक अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ बहुत आसानी से जोड़ कर देख सकते हैं