हेमंत शर्मा,रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी के निर्देश पर 23 अक्टूबर से बुजुर्गों के लिए राजधानी रायपुर में ‘समर्पण अभियान’ की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के जरिए पुलिस जरूरतमंद बुजुर्गों की मदद करती है. अब पुलिस पर मदद के बजाय मारपीट करने का आरोप लगा है. रायपुर के दो थाने के थाना प्रभारी ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट की है. ऐसा हम नहीं बल्कि बुजुर्ग का कहना है. बुजुर्ग ने इस मामले की शिकायत डीजीपी डीएम अवस्थी और आईजी आनंद छाबड़ा से की है. जिस पर डीजीपी ने जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.
अश्वनी नगर निवासी 68 वर्षीय कौशल प्रसाद उपाध्याय ने महिला थाना की प्रभारी मंजूलता राठौर और पुरानी बस्ती थाना प्रभारी राजेश सिंह पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. पुलिस से की गई शिकायत में बुजुर्ग ने कहा है कि 29 अक्टूबर के दिन पुलिस घर पहुंची और दरवाजा खटखटाने लगी. पुलिस बाहर खड़ी थी और कहने लगी कि दरवाजा खोलकर बाहर आओ, बुजुर्ग ने कहा कि मैंने क्या अपराध किया है ? पुलिस ने कहा कि तुमने अपनी पत्नी, बेटी और बेटे को घर से बाहर क्यों निकाला है ? बुजुर्ग ने कहा कि वो अपनी मर्जी से बाहर गई है और तीन दिन से कहा रह रहे है मुझे नहीं पता. इतना कहने पर पुलिस ने दरवाजा खोलने की बात कहते हुए मारपीट की धमकी दी. जिसके बाद दो पुलिसकर्मी दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए और मुझे पीटने लगे. फिर थाने में ले जाकर बैठा दिया.
आरोपों को किया खारिज
इस आरोप को दोनों थाना प्रभारियों ने सिरे से खारिज कर दिया है. महिला थाने की प्रभारी मंजूलता राठौर का कहना है कि वो शिकायतकर्ता बुजुर्ग को नहीं जानती. ना ही अश्वनी नगर उनके थाना क्षेत्र में आता है ना वो उनके घर गई है. वहीं पुरानी बस्ती थाना प्रभारी राजेश सिंह ने कहा कि हमने बुजुर्ग के साथ कोई मारपीट नहीं किया है. ऐसा हो सकता है कि बुजुर्ग द्वारा दरवाजा खोलते समय उनको चोट आई होगी.
परिवारिक विवाद का है मामला
थाना प्रभारी राजेश सिंह ने आगे कहा कि बुजुर्ग कौशल प्रसाद अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ घर पर रहता है. इनके बीच अक्सर विवाद होता था. एक दिन आधी रात को बुजुर्ग ने इन सभी को अपने घर से निकाल दिया. जिसके बाद पत्नी, बेटी और बेटे थाने पहुंचे. पत्नी ने अपने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है. जिस पर एफआईआर दर्ज कर उनको लेकर पुलिस की टीम वापस घर पहुंची थी, लेकिन बुजुर्ग ने घर का दरवाजा नहीं खोला. ऐसी स्थिति में इन सभी को कालीबाड़ी स्थित सखी सेंटर में रखा गया. अगले दिन सखी सेंटर महिलाएं और पुलिस की टीम इनको लेकर दोबारा घर गई हुई थी. बुजुर्ग फिर दरवाजा न खोलकर पुलिसवालों के साथ गाली-गलौच करने लगा. उसके बाद में नग्न अवस्था में बुजुर्ग थाने पहुंचकर हंगामा करने लगा.