सत्यपाल राजपूत, रायपुर। पूर्व डीएमई डॉ आदिले पर पद के दुरुपयोग का एक और मामला उजागर हुआ है. आदिले पर भर्ती नियम, पदोन्नति नियम, अधिकार क्षेत्र को तिलांजलि देकर अपने परिजन को प्रमोट करने का आरोप लगा है. उन्होंने वार्ड बॉय को बाबू के पद पर आसीन कर दिया. ये कार्य उन्होंने निलंबन से पहले ही कर दिया था. लल्लूराम डॉट काम के पास मौजूद विभागीय दस्तावेज़ के मुताबिक, 2009 में धनेश्वर लाल कुर्रे की नौकरी जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में लगी, फिर 2019 में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज से रायपुर में दाउ कल्याण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल यानी डीकेएस में ट्रांसफर कर दिया, फिर 18-08-20 में ही प्रमोशन देकर वार्ड बॉय से बाबू बना दिया गया.
डीएमई आरके सिंह ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को तृतीय श्रेणी में पदोन्नत नहीं किया जा सकता है और ना ही उसका ट्रांसफर दूसरे जगह किया जा सकता है. अगर वार्ड बॉय को पदोन्नत कर बाबू बनाया गया है तो ये नियम विरुद्ध है. इस पर जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. फ़िलहाल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही कहा कि हॉस्पिटल के वार्ड ब्वाय का अगर पदोन्नति होता है तो उसी हॉस्पिटल में किया जाता है और ये क्षेत्राधिकार अधीक्षक का होता है.
क्या कहता पदोन्नति नियम
राजपत्र में 24 सितंबर 2019 चिकित्सा शिक्षा विभाग संचालनलाय के अधीन काम करने के लिए चतुर्थ श्रेणी में काम करने वाले के प्रभावशील भर्ती अधिनियम के तहत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का पदोन्नति सहायक ग्रेड के तीन पर नहीं होगी बल्कि ओटी अटेंडर के पद पर होगी, बावजूद नियम कानून को तिलाजंलि देते हुए डॉ आदिले ने पदोन्नत किया है.
2019 के पहले नियम था कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की पदोन्नति पांच साल बाद ग्रेड तीन में होता था जो 24 सितंबर 2019 के आदेश पूर्व के आदेश रद्द हो गया.