दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि चपरासी की नौकरी के लिए ग्रेजुएट होना बहुत ज्यादा योग्यता है। इसलिए स्नातक व्यक्ति इसके लायक नहीं हो सकता।
दरअसल एक बैंक चपरासी को नौकरी से हटाने के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चपरासी पद पर नियुक्ति के लिए स्नातक होना अनिवार्य योग्यता से अधिक है। इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता अमित कुमार दास की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने यह दलील मानने से इनकार कर दिया कि ज्यादा शैक्षणिक योग्यता किसी व्यक्ति को अयोग्य ठहराने का आधार नहीं हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने पंजाब नेशनल बैंक के एक चपरासी की सेवा समाप्त करने के आदेश को बरकरार रखते हुए ये बात कही। बैंक ने स्नातक होने की जानकारी छिपाने पर चपरासी को नौकरी से हटाने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक ने विज्ञापन में स्पष्ट किया था कि आवेदक स्नातक नहीं होना चाहिए इसके बावजूद अमित ने शैक्षणिक योग्यता छिपाकर आवेदन किया। जो कि गलत था।