रायपुर। मिशन 2023 के लिए भाजपा ने अभी से अपनी तैयारी शुरु कर दी है। सत्ता तक का रास्ता तय करने के लिए के लिए भाजपा ने प्रदेश भर में मंडल स्तर पर प्रशिक्षण शिविर शुरु कर दिया है। प्रदेश कार्यालय मेें तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आज से प्रारंभ हो गया है। इस प्रशिक्षण शिविर में भाजपा मास्टर ट्रेनर तैयार कर रही है, जो कि जिला और मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान प्रदेश की भूपेश सरकार के 22 महीनों के कार्यकाल का प्रमुख रुप से जिक्र किया जाएगा। जिसमें कांग्रेस के घोषणा पत्र वादों के साथ ही प्रदेश में बढ़ते अपराध, दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएं, रेत, कोल औऱ भू माफियाओं के आतंक का मुद्दा बीजेपी उठाएगी.
कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण देने के दौरान भूपेश सरकार के 22 महीनों का जिक्र करेंगे। छत्तीसगढ़ केवल ठहर नहीं गया बल्कि ठगा भी गया है। किसानों को छला गया है, कांग्रेस ने 50 हजार का स्मार्ट कार्ड छीन लिया, ये प्रश्न करेंगे कि सीमेंट के रेट में 25 रुपये कैसे बढ़ गए। रेत की कीमत कैसे बढ़ गई, नमक योजना, कन्यादान योजना, गरीबों की आवास योजना सब ठप्प हो गए। कांग्रेस ने क्या किया? छत्तीसगढ़ का जन्म किस ने किया, गांव गांव में सड़क बनाने का काम किसी ने किया तो अटल जी ने किया। गांव, गरीब और किसानों को लेकर चलने वाली पार्टी, 1951 से लेकर 1954 तक के जनसंघ का घोषणा पत्र आप देख लेंगे तब कहा गया था कि जम्मू कश्मीर से धारा 375 और 35 ए खत्म करेंगे, तीन तलाक खत्म करेंगे, तब के इस मुद्दे को 2019 में मोदी सरकार ने पूरा किया।

इससे पहले तीन दिवसीय इस शिविर का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने किया। इस दौरान प्रशिक्षण के लिए प्रदेश भर से पहुंचे। डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि आप सब आने वाले समय में प्रदेश भर में मंडल स्तर के प्रशिक्षण में विशेषज्ञ वक्त के रूप में जाने वाले है। इनके सामने बड़ी चुनौती होती है। प्रशिक्षण के दौरान जो कार्यकर्ता आएगा उसे जनसंघ से लेकर आज तक की बारीक से बारीक जानकारी होगी। ऐसे पुराने लोग मिलेंगे जिनके प्रश्न आपके सामने आएंगे। विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आपकी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि हर प्रश्न का जवाब दिया जा सके।

रमन ने आगे कहा कि दुर्लभ कार्यकर्ता बीजेपी में ही है। हमें गर्व है कि एक ऐसे राजनीतिक दल में है जिसका लक्ष्य ही राष्ट्र निर्माण है। अन्य राजनीतिक दल विचार शून्यता के शिकार हैं। सांस्क्रतिक राष्ट्रवाद, पंचनिष्ठा  ये बीजेपी का आधार है। सत्ता प्राप्ति के लिए हम एक औजार नहीं हैं, हमारे भीतर संवेदना है, हमारे भीतर दिल है हम मशीन नहीं है। हमारा लक्ष्य है कि आखिर कैसे भारत को विश्व पटल पर स्थापित कर पाए। राष्ट्रवाद, पंथ निरपेक्षता, गांधीवादी समाजवाद, मूल्य आधारित निष्ठा ये पंचनिष्ठा पर बीजेपी चलती है।

जिन्ना से समझौते के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा- रमन

उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ का जन्म बीजेपी के मूल में है। देशकाल की परिस्थियां बनी, जब जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने। उन्होंने श्यामाप्रसाद मुखर्जी को स्थान दिया। 1947 से 1950 के बीच हुए घटनाक्रम के बाद तुष्टिकरण की नीति अपनाई। जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। ये जिन्ना से हुए समझौते के तहत हुआ, एक देश में एक विधान दो निशान बना दिए गए तब श्यामाप्रसाद मुखर्जी अलग हुए। जनसंघ की स्थापना का मूल कारण था कि नेहरू ने संघ पर प्रतिबंध लगा दिया। तब जनसंघ की स्थापना 1951 में की गई। श्यामाप्रसाद मुखर्जी के साथ भीमराव अंबेडकर दोनों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर इस्तीफा दिया। 21 अक्टूबर 1951 को श्याम प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में जनसंघ की स्थापना हुई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ अटल बिहारी बाजपेयी, भैरोसिंह शेखावत, लालकृष्ण आडवाणी जैसे चेहरे सामने आये।
उन्होंने आगे कहा कि नेहरू ने ऐतिहासिक गलती की थी कि देश की सभी रियासतों को विलय करने की जिम्मेदारी सरदार पटेल को दी थी सिवाय जम्मू कश्मीर छोड़कर। बीजेपी ने सिर्फ पसीना नहीं बनाया है इस पार्टी के लिए बल्कि इसे खून से सींचा है। जम्मू कश्मीर में श्यामाप्रसाद की जेल में संदेहास्पद मृत्यु हुई। ये पार्टी संघर्षों के बूते खड़ी हुई है, शहादत से खड़ी हुई है। परीक्षा में जितनी पढ़ाई की होगी उससे ज्यादा तैयारी इस प्रशिक्षण के लिए पढ़नी होगी। श्यामाप्रसाद के जाने के बाद पार्टी की जिम्मेदारी दीनदयाल उपाध्याय के कंधों पर आई। जेपी आंदोलन को करीब से देखा है, इंदिरा गांधी के दमन की नीति को आपातकाल के रूप में देखा, जे पी के आग्रह पर जनसघ का अस्तित्व खत्म कर जनता पार्टी में विलय किया। भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। प्रशिक्षण का मतलब है आईलिंग ग्रीसिंग करना जिससे मशीन खराब न हो जाए। प्रशिक्षण का मतलब है गतिशीलता बनी रहे। 1984 में 2 सीट से पार्टी शुरू हुई। 13 दिन, 13 महीने, और फिर 5 साल की सरकार बनी। एक वोट के लिए अटल जी की सरकार गिर गई थी। उन्होंने इसके लिए किसी तरह का समझौता नहीं किया। 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार रही, इस दौरान भ्रष्टाचार जमकर हुआ। 2014 में अपने बल पर पूर्ण बहुमत से जितने वाला इतिहास बीजेपी ने रचा। सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र को लेकर पार्टी चल रही है। हम गर्व करते हैं कि उस राजनीतिक दल के सदस्य है जिसके 18 करोड़ सदस्य है।
वहीं विष्णुदेव साय ने कहा कि आप सबको जिला स्तर पर जाकर प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण देने जाए तो उसका असर सामने वालों पर पड़े। कई बार ये भी होता है कि चुनाव हारने वाले भी चुनावी टिप्स देने पहुँच जाते हैंहम सबके सामने बड़ी चुनौती है। 2023 में बीजेपी को राज्य में दोबारा सरकार बनानी है, कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं हो रहे। रेत माफिया, भू माफिया, कोल माफिया सक्रिय है। दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं, दिनदहाड़े रायपुर में चाकू मारकर हत्या की जा रही है। अराजकता बढ़ गई है, प्रदेश को चारागाह बना दिए हैं। सरकार ने लूट खसोट मचा रखी है, इन्हें ये लग रहा है कि 2023 में सत्ता में दोबारा नहीं आएंगे।धान खरीदी शुरू नहीं होने से प्रदेश के किसान परेशान हैं। सरकार 1 दिसम्बर से धान खरीदने जा रही है, जबकि खेतों से धान का उठाव शुरू हो गया है, अर्ली वैरायटी के धान आ गए हैं, किसानों की समस्या पर सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रहा।
इससे पहले साय ने कहा कि बीजेपी देश ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। हम इसके सदस्य हैं, यह पार्टी एक परिवार की तरह है। वसुदेव कुटुम्बकम की भावना के साथ कार्यकर्ताओं ने काम किया है। यही प्रशिक्षण हमें अन्य दलों से अलग बनाती है, ये प्रशिक्षण हमें आगे रखता है। संवाद का कौशल विकसित करने, ज्वलंत विषयों पर राय व्यक्त करने का नाम ही प्रशिक्षण है।

कोरोना आपदा भाजपा के लिए अवसर – साय

साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण विश्व में देश का मान सम्मान बढ़ा है। मोदी एक समय प्रशिक्षण वर्ग के प्रभारी रहे हैं। बीजेपी में ही यह सम्भव होता है कि गुजरात के बडनगर जैसी सामान्य जगह से निकला बीजेपी कार्यकर्ता प्रधानमंत्री बन सकता है। पार्टी बैठकों में दरी लगाने और पोस्टर चिपकाने वाला कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है। बीजेपी कार्यकर्ता ने दोहरी भूमिका तय की है, एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को लोगों तक लेकर जाना है, वहीं राज्य की भूपेश सरकार की जनविरोधी नीतियों को जनता तक पहुँचाना है। कोरोना आपदा को भी बीजेपी ने एक अवसर की तरह लिया है। देश में बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो विकास के साथ साथ विपदा में भी लोगों के साथ खड़ी रहती है।