रायपुर। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस भेजकर 8 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. मुख्य सचिव को जारी हुए पत्र में एनएचआरसी ने 4 बिंदुओं पर 2 महीने के भीतर जवाब देने को कहा है. मामला वर्ष 2007 में कोंडासवाली, कामरागुडा और कर्रेपारा में सलवा जुडूम अभियान के दौरान 7 व्यक्तियों की हत्या और करीब 90 घरों की आगजनी की है.
आरोप है कि गाँव की पूरी आबादी को सुरक्षा बलों और एसपीओ की ओर से क्रूरतापूर्वक खदेड़ दिया था. मामले की शिकायत कुछ साल तक शांत रहने के बाद गाँव वालों ने 2013 में की थी. बाद में इसमें एक शिकायतकर्ता की हत्या करने का आरोप सुरक्षा बलों पर ही लगा. मामले में फिर एक शिकायत मानव अधिकार आयोग में छत्तीसगढ़ लोक स्वातंत्र्य संगठन याने पीयूसीएल की ओर से की गई.
पीयूसीएल की महासचिव सुधा भारद्वाज का कहना है कि हमारी शिकायत के बाद एनएचआरसी ने संज्ञान लेते हुए हमे जांचकर प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था. हमने अगस्त 2017 में पीयूसीएल के सदस्यों और पत्रकारों के साथ प्रभावित इलाके का दौरा कर, पीड़ितों से बातचीत कर जांच रिपोर्ट तैयार की. इलाके के 300 ग्रामीणों की मांग पत्र के साथ सितंबर 2017 में हमने पूरी जांच रिपोर्ट आयोग को भेजी. इस मामले में आयोग की ओर से 26 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 8 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
पीयूसीएल की ओर से दी गई जांच रिपोर्टस के मुताबिक आयोग ने पुलिस और स्थानीय प्रशासन की जांच पर सवाल उठाते सख्त टिप्पणी की है. जिसमें कहा गया है कि इस मामले में लापरवाही क्यों बरती गई है, और कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.