रवि गोयल,जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम पिहरीद का रहने वाला घनश्याम जाटवर आखिरकार 6 साल बाद पाकिस्तान से छूटकर वापस अपने घर पहुंच आ गया है. दिवाली के कुछ दिन पहले ही अपने घर के मंजले बेटे को पाकर जाटवर परिवार की खुशियां दोगनी हो गई है.
दरअसल घनश्याम जाटवर अपने परिवार के साथ 2014 में जम्मू कश्मीर ईट बनाने का काम करने के लिए गया था. इसी दौरान घनश्याम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और वह जम्मू कश्मीर से भागकर पंजाब पहुंच गया. कुछ दिन घनश्याम वहां के बीएसएफ कैंप में रुका हुआ था. उसके बाद वहां से भी भागकर बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान पहुंच गया, जहां वह पाकिस्तान आर्मी के हत्ते चढ़ गया. घनश्याम के गुम होने की सूचना उसके परिजनों ने पुलिस प्रशासन को दी थी. पड़ताल में पता चला के घनश्याम जम्मू कश्मीर से पंजाब पहुंच गया था, वहां से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चला गया है और वहां की जेल में बंद है.
घनश्याम के परिवार वालों ने घनश्याम को वापस लाने के लइए एड़ी चोटी का जोर लगाकर एसपी, कलेक्टर जिले के तमाम जनप्रतिनिधि से मदद की गुहार लगाई. यहां तक की दिल्ली जाकर विदेश मंत्रालय में भी मदद की गुहार लगाई. भारत सरकार ने घनश्याम को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की. आखिरकार 6 साल बाद 9 नवंबर की रात घनश्याम अपने परिवार के बीच पहुंच चुका है.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम घनश्याम जाटवर के घर जाकर उससे बातचीत करनी चाही, लेकिन घनश्याम मानसिक रूप से अस्वस्थ नजर आया. उसके परिवार वालों से बातचीत में बताया कि अपने बेटे को अपने बीच पाकर वह काफी खुश है. इस बार उनकी दिवाली की खुशियां दुगनी हो चुकी है. उन्होंने तहे दिल से राज्य सरकार, केंद्र सरकार और उसके बेटे को वापस लाने में मदद करने वाले सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया है.