रायपुर। केन्द्र सरकार के द्वारा बारदाने में कटौती किये जाने से प्रदेश में धान खरीदी प्रभावित होगी और इसका सीधा नुकसान प्रदेश के किसानों को होगा।
छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अनुमानित धान उपार्जन 95.00 लाख मैट्रिक टन हेतु लगभग 4.75 लाख गठान बारदानों की संभावित आवश्यकता है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 3.50 लाख गठान नये बारदाने उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया था। जिसके अनुक्रम में भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम दिनांक 30.07.2020 को लगभग 3.00 लाख गठान नये बारदानों की आपूर्ति जूट कमिश्नर कोलकाता के माध्यम से किये जाने की सूचना प्रेषित की गई थी।
कालांतर में भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को की जाने वाली नये जूट बारदानों की आपूर्ति में 50 प्रतिशत से ज्यादा की कटौती करते हुए लगभग 1.43 लाख गठान नये बारदानों की आपूर्ति हेतु संशोधित सूचना दिनांक 09.10.2020 को प्रेषित की गई, जो राज्य की वास्तवित आवश्यकता की तुलना में बेहद कम है। 1.43 लाख गठान नये बारदानों में से जूट कमिश्नर के माध्यम से केवल 56.00 हजार गठान नये बारदाने ही राज्य को अब तक प्राप्त हुए हैं।
केन्द्र सरकार द्वारा बारदानों की आपूर्ति में कटौती के फलस्वरूप धान खरीदी प्रभावित न हो, इस दृष्टिकोण से राज्य में पी.डी.एस. बारदानों के संकलन एवं मिलर के पुराने बारदानों का सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही 70.00 हजार गठान एच.डी.पी.ई./पी.पी. के नये बारदानें जेम पोर्टल के माध्यम से कय करने की कार्यवाही भी की जा रही है।