रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाथियों के कई दल हैं जो सरगुजा से लेकर राजधानी रायपुर तक अपनी उपस्थिति दर्शाते रहते हैं. जैसा कि एक बार फिर आज हाथियों का एक दल बिलासपुर-अंबिकापुर हाईवे पर दिखाई दिया. हाथियों के इस दल में कुछ नन्हें शावक भी हैं.
हाथियों के इस दल की तस्वीरें हमें हसदेव हरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आलोक शुक्ला ने उपलब्ध कराई है. उनकी ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर शाम 5 बजे के बाद की है. यह तस्वीर संघर्ष समिति के ही एक सदस्य ने मोरगा के पास ली है. हाथियों का दल उस दौरान बिसरार नाला को पार करता हुआ जूनापारा बस्ती(मोरगा) की ओर आगे बढ़ रहा था.
हाईवे को पार करता हुआ जब हाथियों का दल जंगल की ओर आगे बढ़ रहा था, वहाँ कुछ लोग हाथियों के ठीक नजदीक ही खड़े होकर तस्वीर लेते हुए भी दिखें. आलोक शुक्ला का कहना है कि लोगों को इस तरह से हाथियों के करीब जाना ठीक नहीं है. इससे हाथी उत्तेजित हो सकते हैं, लोगों की जान भी जा सकती है.
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि सरगुजा का पूरा इलाका हाथियों का रहवास क्षेत्र है. जिन इलाकों से हाथियों का दल गुजरता है वह उनका विचरण क्षेत्र है. इलाके में लगातार खुलते जा रहे कोल खदानों से वन्यप्राणियों पर खासा असर पड़ा है. खास तौर पर सर्वाधिक प्रभावित हाथी हुए हैं. ऐसे में हाथियों का दल एक साथ से दूसरे स्थान की ओर आते-जाते रहता है.
वहीं आलोक शुक्ला ने ट्वीट करते हुए यह भी बताया है कि जिस जगह से हाथियों का दल विचरण करते हुए आगे निकला वह मदनपुर दक्षिण का इलाका है. इस इलाके में कोल ब्लॉक प्रस्तावित है. उन्होंने सवाल भी उठाया है कि क्या ऐसे वन क्षेत्र में खनन होना चाहिए ?
हाथियों का दल बिसरार नाला को पार करते हुए ग्राम मोरगा बस्ती में मौजूद हैं । इस जगह पर मदनपुर साउथ #coal ब्लॉक प्रस्तावित है जिसकी वन स्वीकृति की प्रक्रिया जारी हैं। यह ब्लॉक व्यावसायिक उपयोग हेतु @apmdcltd को आवंटित हैं। क्या ऐसे वन क्षेत्र में खनन होना चाहिए??#Savehasdeo pic.twitter.com/gnFZrHP8tN
— Alok Shukla (@alokshuklacg) November 17, 2020