सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। दोहरे डोमिसाइल की बदौलत दूसरे प्रदेश के NEET पास छात्र प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हासिल कर स्थानीय छात्रों का हक मार रहे हैं. इस पर बवाल मचने के बाद अब Director of Medical Education (डीएमई) की काउंसलिंग कमेटी ने बैठक आहूत कर प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को शपथ पत्र देने को कहा है, जिसमें जमा किए गए दस्तावेज के सही होने की बात होगी.
लल्लूराम डॉट कॉम ने एक दिन पहले ही NEET पास दूसरे प्रदेश के छात्रों के अपने को छत्तीसगढ़ का निवासी बताते हुए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में स्थानीय छात्रों के लिए आरक्षित एमबीबीएस की सीटों को हासिल करने का खुलासा किया था. इस मुद्दे पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल NEET चयनित छात्रों के पालक के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर गड़बड़ी से अवगत कराया था. इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश के एक भी छात्र का अहित नहीं होने का आश्वासन दिया था.
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मुद्दे पर हलचल मचने के साथ सीएम के बयान के बाद तत्काल डीएमई हरकत में आया और काउंसलिंग कमेटी की बैठक आहूत की, जिसमें MBBS में प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों के लिए अलग से शपथ पत्र भरना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें जमा किए गए दस्तावेजों के सही होने और गलत पाए जाने पर कार्रवाई की बात शामिल होगी. इसके संबंध में डीएमई की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को आदेश जारी कर दिया गया है.
इस निर्णय की जानकारी देते हुए डीएमई आरके सिंह ने लल्लूराम डॉट कॉम को बताया कि दस्तावेजों के प्रमाणीकरण के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारियों को आदेशित किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों पर सवाल उठाने का हमें अधिकार नहीं है. शिकायत आने पर प्रक्रिया अनुसार स्थानीय कलेक्टर के माध्यम से जांच कराई जाएगी. यह कार्रवाई तीन दिनों के भीतर पूरी की जाएगी.
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