रमेश सिन्हा, पिथौरा। महासमुंद जिले के पिथौरा में मजदूर पलायन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिथौरा क्षेत्र के भोलेभाले ग्रामीणों को भट्टा दलाल पैसों का लालच देकर उत्तरप्रदेश ईंट भट्टा भेज रहे हैं. जहां मजदूरों को 6 महीनों तक बंधक बनाकर कार्य कराया जाता है. वहीं दीपावली त्योहार खत्म होते ही मजदूर दलाल सक्रिय हो चुके हैं. रात के अंधेरे में मजदूरों को उत्तरप्रदेश भेज रहे हैं.
महासमुंद जिले में प्रशासनिक अमला भी मजदूर पलायन को रोकने के लिए काफी सक्रिय हो गए हैं. 20 नवंबर की मध्यरात्रि पिथौरा के थाना चौक में राजस्व अमला और श्रम विभाग की संयुक्त टीम ने पलायन कर रहे 96 मजदूरों को रोका और उन्हें समझाइश देकर अपने-अपने घर भेज दिए गए.
कोरोनाकाल में मजदूरों का दिल दहला देने वाली तस्वीर निकल कर सामने आई. खाली पैर, भूखे पेट, चिलमिलाती धूप में मजदूर अपने अपने घर पैदल ही निकल पड़े. पैर में छाले भी पड़ गए, लेकिन मजदूर तो मजदूर होता है. शासन ने मजदूरों को घर भिजवाए, लेकिन अब एक बार फिर से इन्हीं मजदूरों का पलायन जारी है. छत्तीसगढ़ के अलग अलग कोने से मजदूर छत्तीसगढ़ छोड़कर अन्य प्रदेश पलायन कर रहे हैं.
मजदूर दलाल सक्रिय होकर मजदूर पलायन को अब रात के अंधेरे में अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय महात्मा गान्धी ग्रामीण योजना भी छत्तीसगढ़ में फेल होते हुए दिख रहा है. अब देखना होगा कि छत्तीसगढ़ सरकार मजदूर पलायन को रोकने में कितना सफल हो पाता है.