बिलासपुर। आपराधिक प्रकरणों की विवेचना में लापरवाही पाये जाने पर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने विवेचकों को दंडित किया है. दंड भी ऐसा दिया है कि सेवानिवृत्त होने तक विवेचक इस सजा को याद रखेगा.
इस कड़ी में थाना तखतपुर के धारा 363, 366 भादंवि के प्रकरण में अपहृता की पतासाजी में लापरवाही बरतने पर प्रधान आरक्षक 95 बी. केरकेट्टा को बुलाकर उसका पक्ष सुना गया. जवाब संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर प्रधान आरक्षक के वेतन में वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिए रोकी गई.
वहीं थाना रतनपुर की पदस्थापना के दौरान प्रधान आरक्षक 582 अजय चौरसिया के मर्ग प्रकरणों की जांच में लापरवाही बरतने पर वेतन में एक वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए रोकी गई है.
इसके अलावा थाना तोरवा के दर्ज मर्ग में विवेचक पूर्व प्रधान आरक्षक 424 अंतराम विंध्यराज व पश्चातवर्ती विवेचक प्रधान आरक्षक 738 रोहित भारद्वाज के जांच को अकारण लंबित रखकर कर्तव्य के प्रति लापरवाही ल उदासीनता बरतने पर दोनों विवेचक प्रधान आरक्षक अंतराम विंध्यराज एवं रोहित भारद्वाज की एक वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिए रोकने के दंड से दंडित किया गया है.