प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। लोकसभा में पास किए गए श्रम कानून संबंधित 3 विधेयक प्रवासी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के परिभाषा को बदल सकते हैं. इस बिला के विरोध में असंगठित मजदूर कांग्रेस इंटक धरना-प्रदर्शन किया. अंत में विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया.

असंगठित मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष संजू तिवारी ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेताओं के विरोध के बावजूद सरकार ने देश में श्रम कानून से जुड़े तीन महत्वपूर्ण बिल पास कराए जो कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए मजदूर विरोधी है. देश में आजादी से पहले की कानूनों को बदला जा रहा है, और इन श्रम कानूनों को बदलकर श्रम संहिताओं में बदलाव लाया जा रहा है, जिसमें देश में मजदूरों की स्थिति और ज्यादा दयनीय हो जाएगी.

इंटक प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन विधेयकों के जरिए सरकार का इरादा श्रम सुरक्षा को खत्म करना है. उन्होंने कहा कि 44 श्रम कानून के बदले 4 लेवर कोडो की प्रक्रिया और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, 50 वर्ष की आयु अथवा 30 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले नियमित सरकारी कर्मचारियों की छटनी व जबरन रिटायरमेंट पर रोक लगाने की मांग की गई है.

धरना-प्रदर्शन में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी, असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष संजू तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यानंद चंद्रवंशी, प्रदेश उपाध्यक्ष राहुल सिन्हा प्रदेश, सचिव सतीश त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष मुकेश सिन्हा, नगर अध्यक्ष शिवा बांधवे, भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना अध्यक्ष रामचरण लांझी, दिनेश बर्वे, उत्तम चंद्रवंशी, रमाशंकर विश्वकर्मा, अजय बंजारे, अशोक बंजारे, दीपचंद चंद्रवंशी ,अनिल प्रदेश कोषाध्यक्ष तुलाराम धुर्वे, जिला मीडिया प्रभारी सुनील श्रीवास, कुंवर सिंह नाग मुन्ना यादव, राम गंधर्व, ऋषि सोनवानी, प्रतीक मिश्रा, सियाराम साहू, मोहम्मद सलमान, राजेश पटेल, विजय भट्ट सहित बड़ी संख्या में श्रमिक  उपस्थित रहे.