रायपुर। गांवों को स्वच्छ रखने छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 7018 सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसके लिए 210 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं. उनके निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा पहली किस्त के रूप में ग्राम पंचायतों को कुल 98 करोड़ 25 लाख रूपए की राशि तत्काल जारी कर दी गई है. सिंहदेव ने सामुदायिक शौचालय के लिए चयनित सभी जगहों पर इनका निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक शौचालयों के सुचारू संचालन एवं रखरखाव की भी व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. विभागीय प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी हर सप्ताह सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण (Phase-II) में ओडीएफ स्थायित्व और गांवों को स्वच्छ रखने घरेलू शौचालयों के साथ सामुदायिक शौचालयों की उपलब्धता पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बसाहटों, बस स्टैण्डों, धार्मिक स्थलों, हाट-बाजारों, मेला स्थलों और पर्यटन स्थलों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए उन गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां पर्याप्त जगह, पानी और बिजली इत्यादि की व्यवस्था है. इनके निर्माण से लोगों को सामुदायिक स्थलों पर शौचालय, मूत्रालय एवं स्नानागार की सुविधा मिल सकेगी.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव के निर्देश पर विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को चयनित गांवों में सामुदायिक शौचालयों के शीघ्र निर्माण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश एवं प्राक्कलन जारी किए गए हैं. नए बनने वाले सामुदायिक शौचालयों में दिव्यांगों के लिए भी जरूरी व्यवस्था होगी. राज्य स्वच्छ भारत मिशन द्वारा हाल ही में आयोजित राज्य स्वच्छता पुरस्कार-2020 में साढ़े तीन लाख रूपए की लागत के सामुदायिक शौचालय के लिए प्राप्त सर्वश्रेष्ठ ड्राइंग-डिजाइन के आधार पर ही राज्य भर में एक जैसे डिजाइन में इनका निर्माण किया जाएगा.
जिलों द्वारा राज्य कार्यालय से समन्वय एवं बजट की व्यवस्था कर साढ़े चार लाख रूपए या साढ़े पांच लाख रूपए की लागत के भी शौचालय बनवाए जा सकते हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नवनिर्मित शौचालयों की साफ-सफाई व्यवस्था, संधारण, प्रबंधन एवं संचालन के बारे में भी परिपत्र जारी कर कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए हैं. इन सामुदायिक शौचालयों का संधारण, संचालन एवं प्रबंधन स्वसहायता समूह या किसी एजेंसी से कॉन्ट्रैक्ट, लीज पर देकर, समुदाय द्वारा या ग्राम पंचायत द्वारा पीपीपी (Public Private Partnership) मॉडल पर किया जा सकता है.
सामुदायिक शौचालय हेतु सभी जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित
प्रदेश भर में ग्रामीण क्षेत्रों में चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 7018 सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे. इसके लिए हर जिले में अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस साल बालोद, धमतरी और मुंगेली जिले में 250-250, बलौदाबाजार-भाटापारा, जांजगीर-चांपा एवं कांकेर में 350-350, बलरामपुर-रामानुजगंज, दुर्ग, कोंडागांव व रायपुर में 200-200, बस्तर में 206, बेमेतरा और गरियाबंद में 300-300, बीजापुर में 150, बिलासपुर में 325, दंतेवाड़ा में 80, जशपुर में 267, कबीरधाम में 330, कोरबा में 270, कोरिया में 227, महासमुंद में 430, नारायणपुर में 100, रायगढ़ व राजनांदगांव में 450-450, सुकमा में 135, सूरजपुर में 193 तथा सरगुजा में 205 सामुदायिक शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.