रायपुर। 30 नवंबर को गुरु नानक देव की जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है. सिख धर्म में गुरु नानक के जन्मदिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाते हैं. इस अवसर पर राज्यपाल अनुसुईया उइके, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विशेषकर सिख समुदाय के लोगों को गुरू नानक जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शुभकामना संदेश में कहा है कि गुरू नानक देव ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में प्रमुख योगदान दिया. उन्होंने समाज को आपसी प्रेम और भाई-चारे बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. राज्यपाल ने कहा कि गुरूनानक देव के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे. आज उनके बताएं रास्ते पर चलने और उनके संदेशों को जीवन में उतारने की आवश्यकता है.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने बधाई संदेश में कहा कि गुरु नानक की जयंती प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यत्मिक ज्योति का संदेश देता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जानी वाली इस जयंती के दिन सिख समुदाय के लोग ‘वाहे गुरु, वाहे गुरु’ जपते हुए सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं. गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन करते हैं, रुमाला चढ़ाते हैं, लोगों को लंगर खिलाते हैं. गुरु पर्व के दिन सिख धर्म के लोग अपनी श्रृद्धा के अनुसार सेवा करते हैं और गुरु नानक के उपदेशों यानी गुरुवाणी का पाठ करते हैं. महंत ने कहा गुरू नानक के उपदेशों का हम सभी को पालन करना चाहिए. अहंकार मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता अतः अहंकार कभी नहीं करना चाहिए बल्कि विनम्र हो सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि सिख धर्म के पहले गुरू नानक देव की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में उल्लास के साथ मनाया जाता है. गुरू नानक देव के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं. गुरू नानक को विश्व भर में सांप्रदायिक एकता, सच्चाई, शांति, सदभाव के ज्ञान को बांटने के लिए याद किया जाता है. उन्होंने मनुष्यों को प्रेम, एकता, समानता और भाई-चारा का संदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अपील की है कि प्रकाश पर्व मनाते समय कोविड-19 से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों और सामाजिक व शारीरिक दूरी के सिद्धांतों का पालन करें.