हेमंत शर्मा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की लोक संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाए रखने के लिए सतत् प्रयासरत् हैं. लिहाजा वे आज भी अपनी पुरातन संस्कृति के साथ जुड़े हुए हैं. इसी संस्कृति-परंपरा में एक है कार्तिक पूर्णिमा स्नान. इसे
छत्तीसगढ़ में पुन्नी स्नान कहते हैं.
लिहाजा इस बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुख्यमंत्री महादेव घाट पहुँचे. यहाँ उन्होंने सूर्योदय से पहले खारुन नदी में डुबकी लगाई और पुन्नी स्नान का पुण्य लाभ लिया. खास बात ये रही कि मुख्यमंत्री ने गुलाटी मारकर डुबकी लगाई. स्नान के बाद भी उन्होंने नदी में दीपदान भी किया. उन्होंने हटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा भी की.
भूपेश बघेल ने कहा कि जैसे सावन में भगवान शंकर की पूरे महीने भर पूजा अर्चना की जाती है. उसी प्रकार से कार्तिक में भी नदी और तालाब में स्नान करके सूर्योदय से पूर्व पूजा अर्चना की जाती है. इसका महत्व है.
आज के ही दिन से हमारे छत्तीसगढ़ में मेलों की शुरुआत होती है. महादेव घाट में पुन्नी मेला हर साल भरता है. उन्होंने कार्तिक पूर्णिमा की पूरे प्रदेश के लोगों को बधाई. बाल्यकाल में सब किये है. स्कूल कॉलेज तक तो होते ही रहा है. भले ही प्रैक्टिस नही है, लेकिन पुराना अनुभव काम आता है.
देखिए वीडियो-
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