शिवम मिश्रा, रायपुर। आज कोरोना काल में देशभर में सबसे ज्यादा सेवा कहीं प्राप्त हुई तो सिर्फ सिख समाज के ही द्वारा की गई है. कोरोना काल में लॉकडॉउन के समय में भोजन खिलाने और सेवा की बात हुई तो सब ने मुझे कहा आप सिर्फ गुरुद्वारा कमेटी से आग्रह कीजिये सबको भोजन मिलेगा कोई भूखा नहीं सोएगा. रायपुर में जब लॉकडाउन हुआ तो हमने सबसे पहले सिख समाज को याद किया था. जितनी भी गुरुद्वारा कमेटियां सबने खूब सहयोग किया है. छत्तीसगढ़ में जब लॉकडाउन में दक्षिण भारत, गुजरात, महाराष्ट्र, से टाटीबंध चौक पहुंच रहे थे. उस समय भी गुरुद्वारा कमेटियों ने बहुत साथ दिया है.

यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुनानक जयंती के मौके पर स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारे में कहीं.  यहां उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब में माथा टेका. मुख्यमंत्री वहां चल रहे सत्संग में भी शामिल हुए. इसके बाद बघेल ने गुरुद्वारा कमेटी के सभी लोगों को 551 गुरुनानक पर्व की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि बेहद प्रसन्नता का विषय है कि आज हम सब पूरी दुनिया में गुरू नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मना रहे हैं. गुरुनानक देव के बारे में कुछ भी कहना इसका मतलब सूरज को प्रकाश देना होगा. गुरुनानक जी के लिए जितनी भी बात कही जाए कम है. गुरुनानक जी का जन्म ऐसे समय में हुआ जब देश में अराजकता का माहौल था. ऐसे समय में भी गुरुनानक जी तमाम देशों की यात्रा किए है. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा यात्रा करने वाले संत महात्मा कोई है तो गुरुनानक जी है. उन्होंने हमेशा मानवता और भाई चारे की बात कही है.

आंसू गैस छोड़ने वाले पुलिस कर्मियों को खाना खिलाया

कुछ दिन पहले मै टेलीविजन देख रहा था, तब मैंने देखा पंजाब के किसान भाई आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान चक्काजाम हुआ आंसू गैस छोड़े गए. लाठीचार्ज की गई, लेकिन जब भोजन की बात हुई तो उन्हीं लाठीचार्ज करने वाले पुलिस वालों को भोजन की व्यवस्था सिख समाज के आंदोलन कारियों ने की थी, इसीलिए मेरा मानने है अगर पूरे दुनिया भर में कोई भोजन की व्यवस्था कर सकता है तो वो सिर्फ सिख समाज के लोग कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने गुरु नानक जयंती के मौके पर लोगों को बधाई देते हुए कहा है कि संत गुरु नानक की वाणी हमें प्रेम, त्याग और सेवा करना सिखाती है. समाज के लोगों एकता और भाईचारा बनाना सिखाती है. उन्होंने कोरोना के दौरान सिख समाज द्वारा किए गए कामों के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया. समाज की तरफ से भी उन्हें शॉल और तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया. इस दौरान रायपुर महापौर एजाज ढेबर, शहर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र सिंह छाबड़ा भी मौजूद रहे.