इनपुट जगदलपुर और रायपुर से । बुरकापाल में नक्सली हमले के जवाब में केंद्र सरकार नक्सलियों पर स्ट्राइक करने के मूड में दिखती है. पर इस स्ट्राइक का स्वरुप क्या होगा. इसी पर केंद्र सरकार, आलाधिकारी मंथन कर रहे हैं. बस्तर की कमान मिलने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन्हीं सब तैयारियों में जुटे हैं. डोभाल लगातार राज्य सरकार और नक्सली मोर्चे पर डटे अधिकारियों से लगातार फीड लेकर इस ऑपरेशन का ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे हैं.
ग्राउंड जीरो पर नक्सलियों के खिलाफ स्ट्राइक में चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले गृहमंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार की अहम भूमिका रहने वाली है. वो ग्रांउड की तैयारियों पर नज़र रखे हुए हैं. नक्सलियों के खिलाफ इस ऑपरेशन के तहत अजीत डोभाल 2 मई को बस्तर के सभी पुलिस अधिकारी और कलेक्टरों की वीडियो कांफ्रेसिंग लेंगे.
विजय कुमार ने सुकमा और डीजी नक्सल आपरेशन अवस्थी के साथ लगातार बस्तर जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि एनआईए डीजी शरद कुमार की गोपनीय रिपोर्ट के बाद विजय कुमार को 3 दिन में दूसरी बार छत्तीसगढ़ भेजा गया है.
काउंट डाउन शुरु
इधर सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक भूमिका में उतरने को कह दिया गया है. ऑपरेशन का काउंट डाउन शुरू हो गया है. सीआरपीएफ सेकंड बटालियन कैम्प में शनिवार को कुमार समेत शीर्षस्थ अफसरों की 2 घंटे बैठक चली. सुकमा में कुमार समेत सीआरपीएफ के प्रभारी डीजी सुदीप लखटकिया, डीजी अवस्थी, आईजी सीआरपीएफ डीएस चौहान समेत सीआरपीएफ के डीआईजी रैंक के 4 अधिकारी, बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा, एसपी अभिषेक मीणा व अन्य वरिष्ठ अफसर मौजूद थे. ये सभी अफसर 2 दिन सुकमा में रहेंगे.
बस्तर के अन्य कैंपों से बड़ी संख्या में जवान सुकमा पहुंचे हैं. इस तरह यहां कुल साढ़े 8 हजार जवान मोर्चे पर हैं. पहले चरण में ये सिर्फ सूचना एकत्र करेंगे और कैंप को इनपुट भेजेंगे. इंटेलिजेंस टीम और यूएवी से भी सूचना एकत्र किया जा रहा है.
जवानों को जंगलों में पैराट्रूप से उतारा जाएगा
संकेत मिल रहे हैं कि एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से जवानों को पैराट्रूप के माध्यम से उतारा जाएगा. इस संभावना पर भी सुकमा में आला अधिकारियों ने चर्चा की है। जवानों को मोर्चे पर उतारने का प्रशिक्षण पहले ही पूरा हो गया है. स्थानीय स्तर पर बेहतर तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके इसके लिए 3 दिनों में बुरकापाल सहित सीआरपीएफ के सभी कैंपों में डीआरजी के 25 से 30 जवानों की तैनाती की जाएगी.
सतर्कता अभी से
जवानों से कहा गया है कि पहले से ज्यादा सतर्क रहें. इसके तहत सर्चिंग पर निकले जवानों के फील्ड में खाने पर रोक लगा दी गई है. अब उन्हें नाश्ता मिलेगा जिसे वो अलग – अलग करेंगे. अगर 20 फीसदी जवान नाश्ता करेंगे तो 80 फीसदी मोर्चे पर मुस्तैद रहेंगे. नई टुकड़ी के मौके पर पहुंचने के बाद मोर्चे पर तैनात जवान कैंप लौटेंगे और वहीं खाना खाएंगे. अब तय किया गया है कि जवान 6 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे. छोटी-छोटी टुकड़ियां बनाई जाएगी.
इस बीच सबकी निगाहें 2 मई को डोभाल की बैठक पर टिकी हैं जिसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.