बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज एक अहम मामले की सुनवाई हुई. यह मामला पुलिस विभाग में डीएसपी पद पर पदस्थ निकोलस खलको के प्रकरण से जुड़ा है. प्रकरण 2007-08 का है. इस मामले में आज दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गृह सचिव सुब्रत साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी और बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा को नोटिस जारी किया है. नोटिस कोर्ट के अवमानना के मामले में जारी हुआ है.
निकोलस खलको के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक जांजगीर-चाम्पा जिला में उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदस्थ के निकोलस खलको के खिलाफ वर्ष 2007-08 में एक शिकायत हुई थी. जिस दौरान यह शिकायत हुई थी वे तखतपुर थाना में टीआई के रूप में पदस्थ थे. उस दौरान उनके खिलाफ विभागीय जाँच का आदेश तत्कालीन बिलासपुर आईजी की ओर से दिया गया था. लेकिन विभागीय जांच में सेवा नियम का घोर उल्लंघन हुआ था. इसके विरुद्ध प्रार्थी खलको ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर विभागीय जांच को चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा रिट याचिका की सुनवाई के बाद यह निर्देशित किया गया था कि वे अधिकारिता के प्रश्न एवं अन्य आधारों पर याचिकाकर्ता के मामले का निराकरण करें. लेकिन इस आदेश के एक साल बीत जाने के बाद भी गृह सचिव सुव्रत साहू, डीजीपी डीएम अवस्थी, आईजीपी दीपांशु काबरा ने पालन नहीं किया. इससे क्षुब्ध होकर डीएसपी निकोलस खलखो ने कोर्ट अवमानना याचिका प्रस्तुत किया.
इस याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि कोर्ट के आदेश के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अवमाननाकर्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय, बिलासपर के आदेश का पालन नहीं किया है. जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना महामारी का प्रकोप होने के बावजूद भी पिछले एक वर्ष में सैकड़ों पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों का ट्रान्सफर एवं प्रमोशन की कार्यवाही की गई, परन्तु अवमाननाकर्ताओं के पास उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन हेतु समय का पूर्ण अभाव था. उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात् अवमानना याचिका को गंभीरता से लेते हुए एवं नाराजगी जाहिर करते हुए सुव्रत साहू (गृह सचिव), डी. एम. अवस्थी (डीजीपी) एवं दीपांशु काबरा (आई.जी.पी., बिलासपुर) के विरूद्ध अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.