रायपुर। रमन सरकार के कार्यकाल में पाठ्य पुस्तक निगम में भारी भ्रष्टाचार हुआ था. आरटीआई से प्राप्त प्रमाणित दस्तावेज़ों के आधार पर सप्रमाण शिकायत कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने 2016 में किया था. विनोद तिवारी ने बताया कि प्रगति टेक्नो एवं रामराजा प्रिंटर्स के संचालक विकास कपूर एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा कूटरचित फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी और अन्य के साथ मिल एक राय होकर षड्यंत्र पूर्वक पंजीयन कर करोड़ों के ठेके इन दागी फ़र्मों को देकर शासन को क्षति पहुंचाई गई.

इस मामले की शिकायत विनोद तिवारी ने पाठ्य पुस्तक निगम में 2016 में की गई थी. 17 बिंदु की सप्रमाण शिकायत को तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी द्वारा दागी फ़र्म के संचालक विकास कपूर एवं अन्य के साथ लेनदेन साँठगाँठ कर अपने रिश्तेदार अंकित तिवारी भानुप्रतापपुर को दागी फ़र्म प्रगति में विधिवत पार्टनर बना सप्रमाण शिकायत को नोटशीट में झूठा लेख कर नस्तीबद्ध कर दिया था. इस जाँच की पूरी नस्ती को RTI से निकालने पर तत्कालीन महाप्रबंधक चतुर्वेदी द्वारा झूठा लेख का काला कारनामा करने का नया खेल सामने आया है.

तब विनोद तिवारी ने 5 माह पूर्व घटना क्रम से अवगत करते हुए पुनः प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक शुक्ला को सप्रमाण 17 बिंदु की शिकायत की उनके आदेश पर हुई. जाँच रिपोर्ट में जाँच समिति ने तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी एवं प्रगति टेक्नो रामराजा के संचालक विकास कपूर एवं अन्य को गंभीर अपराध का दोषी पाया है. जाँच समिति ने 1 माह पूर्व ही जाँच रिपोर्ट प्रबंध संचालक को सौंप दी है. रिपोर्ट में दोषियों ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा करते हुए तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के अन्य भ्रष्टाचार के क्रिया कलाप को देखते हुए अशोक चतुर्वेदी को अभ्यासिक घोटालेबाज होना भी बताया है.

तात्कालिक महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी द्वारा भ्रष्टाचार कर टेक्नो प्रगति रामराजा के संचालकों के साथ मिल इन दागी फ़र्मों को 12 करोड़ का 8000 मैट्रिक टन छपाई का कार्य दिया गया है, जबकि इन फर्जी फर्मों के खिलाफ सप्रमाण शिकायत की गई थी. इन दागी फ़र्मों को जितना कार्य दिया गया कुछ जगहों पर वह कार्य भी पूरा ना करते हुए साँठगाँठ कर सिर्फ़ बिल लगा राशि आहरण कर लिया गया है. इसकी भी जाँच होनी चाहिये. इन फ़र्मों द्वारा चतुर्वेदी से साँठगाँठ कर ऐसा कृत्य भी किया गया है.

जाँच समिति ने कांग्रेस नेता विनोद तिवारी की 17 बिंदु की शिकायत को सही पाया है. ज्ञात हो की इसके पूर्व भी उपरोक्त प्रिंटर्स के ख़िलाफ़ एक जाँच रिपोर्ट पूर्व में आ चुकी है. उसमें भी उपरोक्त प्रिंटर चतुर्वेदी सहित दोषी पाये गये है. ऐसे एक दर्जन अन्य मामले और भी है जिसमें उपरोक्त प्रिंटर्स एवं तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी शामिल हो भ्रष्टाचार किया गया है. जाँच रिपोर्ट आने के बाद भी इन दागी फ़ार्मों को अभी तक ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है. ये लोग रोज़ एक नया कारनामा कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचा रहे है. ये दागी प्रिंटर्स अभी भी विभाग को गुमराह कर लाभ लेने की कोशिश कर रहे है और विभाग के अधिकारी तमाशबीन बन कर बैठे है. जबकि पापुनि द्वारा स्वयं गठित जाँच समिति ने अशोक चतुर्वेदी टेक्नो प्रगति रामराजा के संचालकों को गंभीर अपराध का दोषी पाया है.

प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक शुक्ला से मिल जाँच रिपोर्ट सौंप प्रगति टेक्नो रामराजा प्रिंटर्स को तत्काल ब्लैक लिस्ट कर तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी समेत उपरोक्त प्रिंटर्स संचालक दोषियों के ख़िलाफ़ तत्काल FIR कराने निवेदन किया जाएगा.