रायपुर। भगवान राम अपने 13 सालों के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ में एक अरसा व्यतीत किया था, इस दौरान वे अनेक स्थलों से होकर गुजरे थे. राज्य सरकार इन्ही राम वन गमन पथ के 51 स्थलों को विकसित करने में जुटी है. इस कार्य का शुभारंभ भगवान राम की माता कौशल्या के मायके चंद्रखुरी से हो चुका है. इस कड़ी में राम वन गमन पथ पर्यटन रथ यात्रा और विराट बाइक रैली का आयोजन किया जा रहा है. प्रदेश के 19 जिलों में 1575 किलोमीटर की यह यात्रा 14 दिसंबर से शुरू होकर 17 दिसंबर को श्रीराम के ननिहार चंदखुरी में समाप्त होगी.
तय कार्यक्रम के अनुसार, राम वन गमन पथ पर निकलने वाली पर्यटन रथ यात्रा और बाइक रैली कोरिया जिले के सीतामढ़ी हरचौका से और दक्षिण में सुकमा के रामाराम से शुरू होगी. पर्यटन रथ के साथ प्रत्येक जिले में 30 बाइक सवार होंगे और जिले की सीमा तक ही बाइक चलाएंगे. यह रिले रेस की तरह होगा, जिसमें रथ यात्रा के प्रतीक चिन्हों को संबंधित जिला बाइकिंग समूह दूसरे जिले के बाइकिंग समूह को जिला प्रशासन की मौजूदगी में सौंप देगा.
बाइक रैली जहां पहुंचेगी वहां पर राम-पाठ का आयोजन भी किया जाएगा. रथ यात्रा के दौरान प्रशासन की मदद से प्रत्येक जिले की मिट्टी रथ में रखी जाएगी. सूर्योदय से सूर्यास्त तक आयोजित होने वाली इस रैली में भोजन, आवास और विश्राम की व्यवस्था रहेगी. प्रदेश के उत्तर और दक्षिण दोनों छोरो से शुरू होकर यह रैली 17 दिसंबर को चंदखुरी पहुंचेंगी, जहां भव्य कार्यक्रम में पर्यटन स्थलों से लाई गई मिट्टी से वृक्षारोपण किया जाएगा, साथ ही एकत्रित किए प्रतीक चिन्हों को मुख्य अतिथियों को सौंपा जाएगा.
पर्यटन विभाग की एमडी आईएएस रानू साहू ने राम वन गमन पथ के संबंध में बताया कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की न केवल कर्मभूमि है, बल्कि उनका ननिहाल भी है. उन्होंने अपने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताए थे. इर राम वन गमन पथ से रथ यात्रा और बाइक रैली निकाले जाने का मुख्य उद्देश्य इस पथ के साथ इस पर पड़ने स्थलों को देश के पर्यटन नक्शे पर लाना है.