इसहाक खान, अंतागढ़। नक्सलियों का खात्मा करने फोर्स लगातार अभियान चला रही है. वहीं दूसरी ओर नक्सल इलाके में तैनात जवान लगातार खुदकुशी कर रहे हैं. ताजा मामला अंतागढ़ के कोयलीबेड़ा का है. यहां पदस्थ एक बीएसएफ जवान ने आत्महत्या कर ली है.
जानकारी के मुताबिक, जवान ने कोयलीबेड़ा कैम्प में ही फांसी लगाई है. लेकिन अभी इसकी असल वजह सामने नहीं आई है. बता दें कि मृतक जवान का नाम स्वराज पीएल है. वह केरल वायनाट का रहने वाला है. घटना की पुष्टि एडिशनल एसपी जीएल बघेल ने की है.
29 नवंबर को सुकमा जिले में पदस्थ सीएएफ आरक्षक दिनेश वर्मा ने अपने कमरे में खुदकुशी कर ली थी. जवान ने सर्विस रायफल से खुद को गोली मारी थी. है. बताया गया था कि मृतक जवान का मानसिक संतुलन कुछ दिनों से ठीक नहीं था.
इसी तरह 21 नवंबर को दंतेवाड़ा जिला के गीदम थाना क्षेत्र के कारली पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक दीनबंधु सोलंकी ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार आत्महत्य की थी. दीनबंधु सोलंकी 2001 में पुलिस में भर्ती हुआ था. वह पुलिस लाइन कारली में पदस्थ था. जवान ने ड्यूटी क्षेत्र से दूर सड़क किनारे अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारी थी.
गृहमंत्री ने ली थी बैठक
लगातार ऐसी घटना के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गृह विभाग से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली थी. जिसमें में अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू,डीजीपी डीएम अवस्थी और डीजी डीजी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा शामिल हुए थे. बैठक में गृहमंत्री ने सभी अधिकारियों से जवानों द्वारा किए जा रहे आत्महत्या के प्रकरण को लेकर जवाब तलब किया.
गृह मंत्री ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि वे कैंपों में खेलकूद आयोजन, काउंसलिंग ,मेडिकल चेकअप एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कैम्पों में जाकर भ्रमण करे. हो सके तो अधिकारी कैंपों में ही रात बिताए और जवानों से व्यक्तिगत रूप से चर्चा करे. इसके अलावा स्पंदन कार्यक्रम को निचले स्तर तक ले जाकर प्रत्येक जवानों की समस्या का निराकरण करें.