नई दिल्ली। बड़ी राशि के इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में काम आने वाला आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम) की सुविधा देश में 14 दिसंबर से प्रति दिन चौबीसों घंटे काम करने लगेगी. इसके बाद ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां यह सुविधा दिन रात काम करती है.
अंतरराष्ट्रीय मानक के हिसाब रात 12 बजे के बाद अगली तारीख शुरू हो जाती है, इस लिहाज से भारत में 13 दिसंबर को रात 12 बजे के बाद से यह प्रणाली पूरे देश में लागू हो जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अक्टूबर में आरटीजीएस प्रणाली को 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बनाने की घोषणा की थी. इससे पहले आरबीआई एनईएफटी को भी 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बना चुकी है.
आरटीजीएस बड़ी राशि के इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में काम आने वाली प्रणाली है, आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी, तब सिर्फ चार बैंक ही इससे भुगतान की सुविधा देते थे. वर्तमान में आरटीजीएस से रोजाना 6.35 लाख लेनदेन होते हैं. देश के करीब 237 बैंक इस प्रणाली के माध्यम से 4.17 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन रोजाना करते हैं.