दिल्ली। भले ही पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही हो और आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हों लेकिन भारतीय बाजारों का क्रेज दुनियाभर में कायम है।
आकर्षक मूल्यांकन, लिक्विडिटी की बेहतर स्थिति और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के संकेत के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल यानी 2020 में भारतीय शेयर बाजारों में 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया है। यह भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के निवेश का सर्वकालिक उच्च स्तर है। ये निवेश इसलिए भी खासा महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल कोरोना के चलते दुनियाभर के शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था ठंडी पड़ी हुई हैं।
एक तरफ जहां कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था पर पड़े दबाव के बीच विदेशी निवेशकों ने ऋण और बांड प्रतिभूतियों से रिकॉर्ड निकासी भी की है। वहीं डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस साल अब तक शुद्ध रूप से बांड बाजार से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। हालांकि, हाइब्रिड प्रतिभूतियों में उन्होंने शुद्ध रूप से लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश भी किया है। विदेशी निवेशकों के लिए अभी भी भारतीय बाजार बेहद आकर्षक निवेश स्थल बना हुआ है।